उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में हिंदू पक्ष के लिए अच्छी खबर आई है। वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मामले की तरह मथुरा (Mathura) में भी अब विवादित स्थल का सर्वे disputed site survey किया जाएगा। कोर्ट ने यह फैसला हिंदू पक्ष की अपील पर दिया है।
यह फैसला मथुरा की अदालत (Mathura Court) ने शुक्रवार को सुनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने 20 जनवरी तक नक्शा समेत विवादित स्थल की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने आदेश दिया है। सिविल जज सीनियर डिविजन तृतीय सोनिका वर्मा की अदालत ने यह फैसला दिया है। हिंदू सेना के दावे पर सुनवाई करते हुए मथुरा की कोर्ट ने ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण करने का आदेश जारी किया।
वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने बताया कि आठ दिसंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता Hindu Sena National President Vishnu Guptaऔर उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव Vice President Surjit Singh Yadav ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा Civil Judge Senior Division (III) Judge Sonika Verma की अदालत में दावा किया गया था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी।
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण lord shri krishna के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास कोर्ट के सामने पेश किया।
उन्होंने साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है। दुबे ने बताया कि कोर्ट ने वादी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अमीन द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। अमीन को 20 जनवरी तक ईदगाह की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
बता दें, मथुरा से पहले वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस Shringar Gauri-Gyanvapi Case में कोर्ट के आदेश पर विवादित स्थल का सर्वे कराया गया था। इस मामले को लेकर 17 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर Civil Judge Senior Division Ravi Kumar Diwakar ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।
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