अहमदाबाद: मेहसाणा के काडी में 24 दिसंबर को हुई पैरामोटरिंग दुर्घटना की जांच करने वालों का मानना है कि कोरियाई नागिरक की मौत नायलॉन पतंग की डोर (चीनी मांजा) में फंसने से नहीं हुई थी। मेहसाणा पुलिस ने कहा है कि उनकी मौत इसलिए हुई, क्योंकि उन्होंने हवा में स्टंट किए। इससे कैनोपी की सस्पेंशन लाइनें उलझ गईं, जिससे वह लगभग 50 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिर गए।
कोरिया रिपब्लिक के 51 वर्षीय शिन ब्योंगमून की मौत के मामले में मेहसाणा पुलिस द्वारा क्लोजर समरी रिपोर्ट दायर करने की संभावना है। मेहसाणा के एक सीनियर पुलिस अफसर ने कहा कि दुर्घटना से पहले 24 दिसंबर को ब्योंगमून और उनके 62 वर्षीय दोस्त चांग ह्यु जियोंग लगभग डेढ़ घंटे तक कादी के ऊपर पैराग्लाइडिंग कर रहे थे। जब वे पैराग्लाइडिंग के लिए गए थे, तब ह्यू जियोंग भी ब्योंगमून के साथ थे। ह्यू जियोंग ने पुलिस को बताया कि ब्योंगमून हवा में कुछ स्टंट कर रहे थे, और उन्होंने ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी, क्योंकि हवा का गति उनकी दिशा में नहीं लग रही थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्टंट के दौरान चंदवा ठीक से नहीं खुल पाने से वह गिर गए। अधिकारी ने कहा कि जमीन पर गिरने से उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं। उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
दुर्घटना के बाद दोस्त शिन ब्योंगमून अपने दोस्त ह्यु जिओंग से बात कर रहे थे। उनसे गंभीर चोट की शिकायत की। यह आशंका भी जताई कि शायद वह अब जीवित न बचें।
कादी के पुलिस इंस्पेक्टर निकुंज पटेल ने कहा, “दुर्घटना के समय ब्योंगमून एक वीडियो भी शूट कर रहे थे, जो शायद नियंत्रण खोने का एक कारण हो सकता है।” उन्होंने कहा, “चूंकि पैराशूट डोर नायलॉन से बने होते हैं, इसलिए पहले गलती से यह सोचा गया था कि वह चीनी मांझे में फंस गया है। हमने उनकी चोटों की बारीकी से जांच की और शरीर में कहीं पर भी कट के निशान नहीं थे।” अधिकारी ने कहा कि ब्योंगमून के शव को कोरिया भेज दिया गया है।
ब्योंगमून 10 साल से वडोदरा में रह रहे ह्यु जियोंग से मिलने आए थे। दोनों का मेडिकल उपकरण (equipment) बनाने का बिजनेस है। दोनों कोरियाई नागरिक मेहसाणा के विसतपुरा निवासी दोस्त प्रकाश पटेल से मिलने गए थे, जिन्होंने कादी में पैराग्लाइडिंग की सिफारिश की थी।
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