आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने वीडियोकॉन मामले में अंतरिम (interim) जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने जमानत ही नहीं दी, बल्कि यह भी कहा कि ‘इनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है।’
सीबीआई ने कोचर दंपती को वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने के मामले में पिछले महीने के अंत में गिरफ्तार किया था। तीनों तब से न्यायिक हिरासत में थे। बचाव पक्ष के वकील ने गिरफ्तारी को इस आधार पर “अवैध” करार दिया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के प्रावधानों के तहत सीबीआई की हिरासत से पहले कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। सीनियर वकील अमित देसाई और वकील कुशल मोर ने कहा कि उन्हें “गलत ढंग से पूछताछ” के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कानून के उलट आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर को एक पुरुष अधिकारी ने गिरफ्तार किया था।
बता दें कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। इसमें चंदा के पति दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं लोन दिए जाने के बाद ये नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हो गया। बाद में इसे बैंक फ्रॉड घोषित कर दिया गया। 2020 सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि चंदा कोचर ने पति दीपक की कंपनी को लाभ पहुंचाया। इस आरोप के बाद 2018 में उन्हें बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था।
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