महाठग किरण पटेल की गिरफ्तारी के बाद उसका असर गुजरात से लेकर जम्मू कश्मीर तक दिखने लगा है।कोई दूसरा किरण पटेल सामने ना आये और किरण पटेल के कारण अब और बदनामी ना हो , यह सरकार की पहली प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक निदेशक के तौर पर पदस्थ होने का हवाला देकर जम्मू कश्मीर में जेड प्लस सिक्युरिटी भोगने और वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ बैठक करने वाले किरण पटेल की गिरफ्तारी के बाद आग को ठंडा करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल पटेल गुजरात पुलिस की रिमांड में है।
वही दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग ने अहमदाबाद की एक प्रसिद्ध ट्रावेल एजेंसी द्वारा बनाये जा रहे टेंट सिटी के प्रोजेक्ट को रोक दिया है। इस प्रोजेक्ट में किरण पटेल की संलिप्तता मानी जा रही है। जब तक किरण पटेल की जाँच पूरी नहीं होगी तब तक जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग के अधिकारी टेंट सिटी को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर प्रवासन बोर्ड द्वारा अहमदाबाद की अक्षर ट्रावेल प्राइवेट लिमिटेड को 28 मई 2022 को कश्मीर में 10 वर्ष के लिए टेंट सिटी बनाने का ठेका दिया था ,जिसमे कश्मीर डीविजन में आने वाले पहेलगाम ,यूसमर्ग ,अरु तथा मम्मर जैसे 4 स्थलों का समावेश कराया था। जिसके अंतर्गत 110 टेंट बनाने थे। इस दौरान कंपनी ने गत वर्ष पहेलगाम में बनाये गए 15 टेंट पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बने थे। गुजरात के कच्छ के धोरडो और स्टेच्यू आफ यूनिटी जैसे टेंट सिटी मोडल की रुपरेखा के अनुसार कश्मीर में भी उपरोक्त चारो जगहों पर 1 जुलाई से टेंट सिटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। इसके लिए कश्मीर पर्यटन विभाग की मंजूरी लेने की प्रक्रिया भी चल रही थी , लेकिन इस समग्र प्रकरण को किरण पटेल से जोड़ते हुए जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग ने इंकार कर दिया है।
ट्रेवल कंपनी के एक वरिष्ठ कर्ताधर्ता के मुताबिक किरण पटेल भी गुजरात का है , और हमारी कंपनी भी गुजरात आधारित है ,इसलिए पर्यटन विभाग दोनों को जोड़कर देख रहा है , पर्यटन विभाग ने साफ़ कर दिया है मामले की पूरी जाँच के बाद ही अगला निर्णय किया जाएगा। लेकिन समस्या यही नहीं खत्म नहीं होती टेंट सिटी बनाने में समय लगता है ,मौसम की भी अपनी समस्या है ,इसलिए यदि जुलाई तक टेंट सिटी का टेंडर नहीं होता तो उसका निर्माण मुश्किल हो जाएगा।
यह कहानी जम्मू कश्मीर की हुयी , किरण पटेल का असर सीएमओ के बाद अब सचिवालय में भी देखने को मिल रहा है। सचिवालय में आने जाने वालो के नियम कड़े कर दिए गए हैं पहले पास निकलवाकर सचिवालय में कही भी घुमा जा सकता है लेकिन अब जिस विभाग में काम हो वंहा ही जाने की इजाजत होगी।
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