जहां एक ओर केंद्र सरकार मुगल इतिहास (mughal history) सहित कई प्रमुख घटनाओं को विद्यार्थियों के शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से हटाने का काम कर रही हैं वहीं इसके विपरीत केरल सरकार (Kerala government) द्वारा अपनी पाठ्यपुस्तकों में केंद्र सरकार द्वारा हटाए गए इतिहास के पाठों को शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
उम्मीद जताई जा रही है कि स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT Kerala) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा पाठ्यक्रम से हटाए गए विषयों को पढ़ाने के लिए विशेष पाठ्यपुस्तक तैयार कर सकती है। गत मंगलवार को राज्य पाठ्यचर्या समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हालांकि, मामले पर अंतिम फैसला शिक्षा मंत्री लेंगे। पाठ्यचर्या समिति की बैठक में समिति ने पाठ्यक्रमों से स्वतंत्रता सेनानियों, गुजरात दंगों और आरएसएस प्रतिबंध पर अंशों को हटाने के लिए एनसीईआरटी की आलोचना की है। आपको ज्ञात हो कि, NCERT ने कक्षा 11 की नई राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (Maulana Abdul Kalam Azad) के विषय को हटा दिया है।
आपको बता दें कि, पाठ्य पुस्तकों में कक्ष 6 से 12वीं कक्षा तक की पाठ्य पुस्तकों में ‘सिलेबस रेशनलाइजेशन’ (syllabus rationalization) के तहत उक्त विषय हटाए गए थे। उक्त सुधारों के लिए गठित समिति ने ‘ओवरलैपिंग’ और ‘अप्रासंगिक’ कारणों का हवाला देते हुए पाठ्यपुस्तकों से गुजरात दंगों, मुगल अदालतों, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सली आंदोलन सहित कई हिस्सों को भी हटा दिया है।
हालांकि, शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी (Education Minister V Sivankutty) ने स्पष्ट किया था कि केरल आरएसएस प्रतिबंध, जाति व्यवस्था और सामाजिक आंदोलनों जैसे विषयों को पाठ्यक्रम से बाहर करने के केंद्रीय निर्णय को कतई स्वीकार नहीं करेगा।
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