तमाम आरोप प्रत्यारोप के बावजूद एक बार फिर वामपंथी शाषित राज्य केरल ने नीति आयोग द्वारा जारी किये गए स्वास्थ्य सूचकांक में केरल ने फिर से शीर्ष स्थान हांसिल किया है , जबकि गुजरात मॉडल बीमार साबित हो रहा है | गुजरात इस सूची में छठवे नंबर पर है | जबकि देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तरप्रदेश की स्वास्थ्य सेवा आईसीयू यानि कि सबसे फिसड्डी है | हालांकि उत्तरप्रदेश के लिए बेहतर खबर यह है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में उसने देश में सर्वाधिक सुधार किया है |
नीति आयोग द्वारा सोमवार को जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सूचकांक की रिपोर्ट वर्ष 2018 -2019 से वर्ष 2019 और 2020 की तुलना में आधारित है , यही साल था जब कोविड ने देश को हिला दिया था | उत्तरप्रदेश बिहार में तो गंगा के किनारे लाश से पट गए थे | परिणाम में भी यह देखने को मिला | हिंदी भाषी राज्यों की हालत बेहद खराब है उत्तर प्रदेश ,बिहार ,मध्यप्रदेश ,राजस्थान ,उत्तराखंड क्रमशः निचले पैदान से शीर्ष पर है वहीँ शीर्ष क्रम में केरल के बाद तमिलनाडू ,तेलंगाना ,आंध्रप्रदेश ,महाराष्ट्र ,गुजरात ,हिमांचल प्रदेश ,पंजाब ,कर्णाटक ,छत्तीसगढ़ और हरियाणा का समावेश है | छोटे राज्यों में सबसे बेहतर हालात मिजोरम के हैं जबकि केंद्र शासित प्रदेश में जम्मू नीचले क्रम में है वही दिल्ली सबसे बेहतर है |