“जिसे भारत में असुरक्षा लग रही हो वह पाकिस्तान चला जाये ” का नया वर्जन गुजरात सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी पेश किया है ,उनके मुताबिक अगर किसी को गुजरात की शिक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं लगती तो वह गुजरात छोड़कर चले जाएँ ,जहा की शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो।
विदित हो की कुछ दिन पहले दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुजरात सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी को शिक्षा व्यवस्था पर बहस की खुली चुनौती दी थी जिसे उन्होंने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि गुजरात और दिल्ली की तुलना नहीं हो सकती ,उसके बाद गुजरात की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करना विपक्ष ने शुरू कर दिए थे।
गुजरात सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री जीतू वाघणी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया विपक्ष की तरफ से जतायी गयी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख अर्जुन मोढवाडिया ने ट्वीट कर कहा कि गुजरात में शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया।शिक्षा का निजीकरण कर दिया।अब सवाल उठाने पर गुजरात छोड़ने की सलाह देने वालो कुछ तो शर्म करो!
गुजरात किसी के बाप की जागीर नहीं है, हर गुजराती यहाँ रहेगा और अधिकार भी मांगेगा। नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़ दो!
वही आम आदमी की तरफ से इशुदन गढ़वी ने ट्वीट करते हुए जीतू वाघणी से माफ़ी मांगने की मांग की , गढ़वी ने ट्वीट किया ” शिक्षा मंत्री का शिक्षा व्यवस्था को लेकर विवादित वीडियो सुना, उन्होंने नर्सरी से लेकर कॉलेज तक के छात्रों और उनके माता-पिता का मजाक उड़ाकर उनका अपमान किया है, उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के माता-पिता का अपमान किया है जो अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नहीं भेज सकते हैं! उन्हें माफ़ी मागनी चाहिए “
बुधवार को राजकोट में संत तुलसीदास प्राइमरी स्कूल नंबर 16 के पुनर्निर्मित भवन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए जीतू वाघाणी ने कहा कि जिन्हें गुजरात में शिक्षा पसंद नहीं है, उन्हें गुजरात छोड़कर अन्य जगहों पर जाना चाहिए जहां शिक्षा अच्छी हो।
जीतू वाघाणी ने कहा, “जो लोग गुजरात में पैदा होते हैं, वे गुजरात में रहते हैं और रोजगार पाते हैं और जिनके बच्चे यहां के उन्हीं स्कूलों में पढ़े हैं। आप जहां भी हों, अपने बच्चों के प्रमाण पत्र अपने पास रखें।
युवा नेता युवराज सिंह जडेजा की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया के एक सवाल के जवाब में जीतू वाघाणी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि युवराज सिंह कौन हैं? कानून सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है, राज्य सरकार राज्य में गलत करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित करने के लिए तैयार है।
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