“मैंने आज झगडीया से निर्दलीय नामांकन किया है। बीटीपी मेरी बनायीं पार्टी थी , लेकिन अब मै पार्टी में नहीं हूँ। महेश मेरा बड़ा बेटा है। अभी मै महेश और बीटीपी पर कुछ नहीं बोलूंगा। चुनाव के बाद बात करेंगे। मै खुद ही एक पार्टी हूँ। “यह कहना है गुजरात की आदिवासी राजनीति के पांच दशक से अहम स्तम्भ रहे और 1990 से लगातार गुजरात विधानसभा में झगडीया का प्रतिनिधित्व करने वाले 77 वर्षीय छोटू वसावा (Chotu Vasava )का।
ऑटो रिक्शा चुनाव चिंह Auto Rickshaw Election Symbol वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के संस्थापक संरक्षक और विधायक छोटू वसावा Chhotu Vasava, Founder Patron and MLA of Bharatiya Tribal Party (BTP) को निर्दलीय( Independent )लड़ने की नौबत इसलिए आयी क्योकि उनके बेटे और बीटीपी राष्ट्रीय अध्यक्ष और 2 बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे महेश वसावा( Mahesh Vasava, BTP National President and two-time member of the Gujarat Legislative Assembly )ने झगडीया से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। गुजरात , राजस्थान , मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल हिस्सों को मिलकर एक अलग राज्य “भीलिस्तान” के गठन के समर्थक वसावा 1990 से 2017 तक जनता दल (यूनाइटेड) Janta Dal (United)के गुजरात इकाई के प्रमुख थे।उन्होंने 2017 में बिहार में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party )के साथ गठबंधन करने पर जद (यू) छोड़ दिया ।
2017 के गुजरात विधान सभा चुनाव से एक महीने से भी कम समय पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) की स्थापना की , जिसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( INC) के साथ गठबंधन में विधानसभा की दो सीटें जीतीं । बीटीपी विधायक के तौर पर पिता – पुत्र की जोड़ी विधानसभा पहुंची थी।
गुजरात चुनाव में सबसे अधिक आपराधिक मामले दर्ज करने वाले उम्मीदवार महेश भाई छोटू भाई वसावा ने डेडियापाडा सीट से 83,026 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी ।
भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bhartiya Tribal Party ) के अध्यक्ष वसावा 24 आपराधिक मामलों में नामजद हैं , जिनमें दो हत्या और एक हत्या का प्रयास शामिल है। वसावा के शपथ पत्र के मुताबिक वसावा 2009 में एक कांग्रेस नेता की पिटाई करने का दोषी पाया गया था और उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी । उनके पिता, आदिवासी नेता छोटूभाई वसावा (Chhotubhai Vasava )भी 6 मामले में नामजद है , झगडीया से 7 बार के विधायक वसावा पर हत्या का मामला लंबित है। झगडीया में लम्बे समय से इस पिता -पुत्र की जोड़ी का राज रहा है।
छोटूभाई, जो 1990 से भरूच जिले में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित एकमात्र सीट निर्वाचन क्षेत्र जीत रहे हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा 2017 में नर्मदा जिले के डेडियापाडा सीट से कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे। बीटीपी ने इस बार इस सीट से बहादुरसिंह वसावा को मैदान में उतारा है क्योंकि महेश के करीबी चैतर वसावा आप में शामिल हो गए हैं और यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। चैतर की पत्नी बीटीपी से दूसरी बार जिला पंचायत की सदस्य हैं।
पिछले हफ्ते छोटू वसावा के दूसरे बेटे दिलीप वसावा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, महेश द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला करने के बाद पिता और पुत्र के बीच मतभेद पैदा हो गए, और छोटू वसावा ने गठबंधन तोड़ दिया, क्योंकि उन्होंने देखा कि आप बीटीपी के कैडरों और नेताओं को खींचकर आप बीटीपी की पीठ में छुरा घोंप रही थी। छोटू वसावा के दूसरे पुत्र दिलीप वसावा ने भी पार्टी छोड़ दिया है।
जब छोटू वसावा ने जद (यू) के साथ गठबंधन की घोषणा की, तो महेश असहमत थे। इसलिए गठबंधन की घोषणा के बावजूद यह गठबंधन जमीन पर ही नहीं उतर पाया। हालांकि महेश वसावा ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा ” कि पार्टी और परिवार बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है , कुछ लोग विवाद को हवा दे रहे है।
गुजरात चुनाव – 2017 में 25. 82 प्रतिशत आपराधिक रिकॉर्ड वाले चुने गए थे विधायक