मौत के बाद भी जयेश का दिल धड़केगा, फेफड़ा धड़केगा ,गुर्दा ,यकृत की काम करेगा ,लेकिन दूसरे के शरीर में। अंग प्रत्यारोपण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण यह संभव हो पाया है। जयेश के परिजनों ने उसका अंग दान किया।
नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बनाए गए एक ग्रीन कॉरिडोर ने सिविल अस्पताल से एसजी रोड स्थित एक अस्पताल में सफलतापूर्वक अंग स्थानांतरित करने में मदद की। फेफड़ों को ट्रांसप्लांट के लिए मुंबई भेजा गया था।
महिसागर जिले के लुनवाड़ा निवासी 25 वर्षीय जयेश नट को 10 अप्रैल को एक वाहन दुर्घटना के बाद सिर और शरीर में गंभीर चोटों के साथ सिविल अस्पताल लाया गया था। हालांकि, उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई, सोमवार को उन्हें ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया।
रिश्तेदारों ने कहा, “वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा और घर की आर्थिक रीढ़ था।” जब जयेश के परिवार को इस दुर्भाग्यपूर्ण खबर का पता चला, तो उन पर मानों पहाड़ टूट पड़ा हो । हालांकि जब उन्हें अंगदान की संभावना के बारे में बताया गया तो वे नहीं हिचके। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ राकेश जोशी ने कहा, “उनकी अंग दान कर दिया गया , और उनके दिल, फेफड़े, गुर्दे और यकृत को पुनः प्राप्त कर लिया गया था।”
अब तक, शवदान ने अस्पताल को आठ दिल और आठ जोड़े फेफड़े प्रदान किए हैं।
भारत में अंग एवं ऊतक दान व प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) की स्थापना की गयी है।नोटो का राष्ट्रीय नेटवर्क प्रभाग अंगों और ऊतकों के प्रबंधन और वितरण के लिए समस्त गतिविधियों और नेटवर्किंग के समन्वय के लिए सर्वोच्च केंद्र के रूप में कार्य करता है तथा देश में अंगों और ऊतकों के दान और प्रत्यारोपण की रजिस्ट्री को बनाए रखता है।
अंग प्रत्यारोपण -भारत में कानूनी ढांचा
भारत में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 में पारित किया गया था। यह चिकित्सीय प्रयोजनों और मानव अंगों में वाणिज्यिक व्यवहार की रोकथाम के लिए मानव अंगों को निकालने, भंडारण और प्रत्यारोपण को विनियमित करने के लिए एक प्रणाली प्रदान करता है। परिणामस्वरुप इस अधिनियम में वर्ष 2011 में संशोधन किया गया था। संशोधित अधिनियम 2011 के अनुपालन में मार्च 2014 में, मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण नियम 2014 को अधिसूचित किया गया है।
ब्रेन-डेड आदमी में प्रत्यारोपित सुअर के गुर्दे ने सामान्य रूप से किया काम