गुजरात के नर्मदा जिला से फर्जी डिग्री-मार्कशीट के अंतरराज्यीय गैंग के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है | दिल्ली से गिरफ्तार महिला फैसिलिटेटर के पास से फर्जी डिग्री-मार्कशीट और अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं. जिला पुलिस प्रमुख ने इस संबंध में आगे की जांच के लिए एसआईटी के गठन की भी घोषणा की है। छत्तीसगढ़ का है मुख्य आरोपी ,गुगल में किया है काम एसपी डॉ. हिमकार सिंह ने बताया कि घोटाले का मुख्य आरोपी व मुख्य आरोपी बेउला नंद रेव बीसी नंद छत्तीसगढ़ का रहने वाला है.कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा, पिछले 10 साल से दिल्ली में है और विभिन्न संगठनों और बड़ी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया है। उसने Google जैसी बड़ी कंपनी में भी काम किया है। लेकिन 2020 से वह नकली डिग्री बेच रही है। राजपीपला से जुड़े तार पता चला है कि 10 दिसंबर को राजपीपला के बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद डिग्री प्रमाण पत्र और वेबसाइट के फर्जी होने की बात सामने आने के बाद रजिस्ट्रार द्वारा राजपीपला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी.नर्मदा जिला पुलिस के एसपी डॉ हिमकारसिंह के निर्देश पर नर्मदा जिला एलसीबी पीआई एएम पटेल समेत टीम ने फर्जी वेबसाइट बनाने वाले की पहचान की और फर्जी डिग्री व वेबसाइट दिल्ली के बेउला नंद रेव बीसी नंद की निकली. यह भी पढ़े-अहमदाबाद में 450 किलो गाय का मांस जब्त, एक गिरफ्तार,दो वांछित 510 मार्कशीट ,37 बेव डोमेन जब्त पुलिस ने दिल्ली में उसके घर पर छापा मारा और देश के विभिन्न राज्यों के 35 विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के 237 फर्जी डिग्री प्रमाण पत्र, 510 मार्कशीट, प्रिंटर, 94 रबर स्टैंप और 37 वेब साइट डोमेन जब्त किए। नर्मदा जिले के पुलिस प्रमुख डॉ हिमकार सिंह ने बताया कि फर्जी डिग्री घोटाले में देश के विभिन्न राज्यों से कुल 31 एजेंट शामिल थे, जिसकेसहारे वह अपना नेटवर्क संचालित करते थे | यह भी पढ़े -गुजरात सरकार ने अदालत को बताया 11036 मामलों में से केवल 805 जीएलपीए के तहत दर्ज बीए से पीएचडी तक ,कीमत 20000 से 400000 ग्राहक के आधार पर बीए से लेकर पीएचडी तक की डिग्री 20,000 रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक थी।इसमें और लोगों के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।डॉ. हिमकर सिंह ने आगे कहा कि घोटाले की और गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। सीबीपीआई सहित अन्य अधिकारियों को निकाल दिया जाएगा। ऐसा लगता है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कर्मचारी भी इन फर्जी डिग्री के सत्यापन में शामिल हैं। राजपीपला की बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी की डिग्री के लिए भी डील हुई लेकिन कोई लेने नहीं आया।इन 35 विश्वविद्यालयों में से कुछ बाद की तारीख में डिग्री प्रदान करते हैं, जबकि गिरफ्तार महिला आरोपी सहित अन्य, स्वयं प्रिंटर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों की डिग्री और मार्कशीट प्रिंट करते हैं। एजेंट डिग्री और मार्कशीट सत्यापित करते थे। यदि ऐसा कोई कर्मचारी है या राजपीपला के बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय के अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गुजरात के नर्मदा से फर्जी डिग्री मार्कशीट का अंतरराज्यीय घोटाला, दो युवतियां गिरफ्तार
ऐसा लगता है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कर्मचारी भी इन फर्जी डिग्री के सत्यापन में शामिल हैं। राजपीपला की बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी की डिग्री के लिए भी डील हुई लेकिन कोई लेने नहीं आया।
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