सीआरपीएफ CRPF ने अपने कर्मियों के लिए सोशल मीडिया Social Media उपयोग की नई गाइडलाइन New Guideline में विवादास्पद या राजनीतिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करने को कहा गया है, जिससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचे। सीआरपीएफ जवान अपनी समस्याओं को लेकर सोसल मीडिया का सहारा ले रहे थे जिसे अब अनुशासन हीनता मना जायेगा।
इस संबंध में सीआरपीएफ हेडक्वार्टर CRPF Headquarters द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ‘साइबर बुलिंग और उत्पीड़न” Cyber Bullying and Harassment” के खिलाफ बल के जवानों को जागरूक करने और उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।
इसमें अर्धसैनिक बल के कर्मियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स Social Media Platforms पर कोई भी टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा इन निर्देशों में संवेदनशील मंत्रालय या संगठन में काम करने पर सटीक पोस्टिंग और काम की प्रकृति का खुलासा नहीं करने की बात भी कही गई है।
क्या है गाइड लाइन
- ऐसा कुछ भी न करें जो इंटरनेट सोशल नेटवर्किंग Internet Social Networking पर सरकार या खुद की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए।
- सरकार की नीतियों पर प्रतिकूल टिप्पणी न करें या किसी सार्वजनिक मंच पर राजनीतिक/धार्मिक बयान न दें
- विवादास्पद, संवेदनशील या राजनीतिक मामलों पर टिप्पणी न करें।
- बल के कर्मियों को गुस्से, द्वेष या शराब के प्रभाव में कुछ भी लिखना या पोस्ट नहीं करना चाहिए।
- अज्ञात व्यक्तियों से मित्र बनाने, जोड़ने, अनुसरण करने या अनुरोध स्वीकार करने पर सावधानी से विचार करें।
इसके अलावा, इन निर्देशों में उन्हें संवेदनशील मुद्दों, लैंगिक मुद्दों और विवादास्पद मुद्दों पर ऑनलाइन टिप्पणी करते समय अत्यंत विवेक का उपयोग करने की सलाह दी गई है। साथ ही यह साफ तौर पर कहा गया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स आधिकारिक मामलों/शिकायतों पर चर्चा करने के लिए एक उपयुक्त मंच नहीं हैं। अगर यह जरूरी है तो बल के कर्मी अपनी शिकायतों को संस्थागत मंचों पर रख सकते हैं।
नए नियम के तहत हो सकती है कार्रवाई
गौरतलब है कि सीआरपीएफ CRPF कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना सीसीएस आचरण नियम 1964 का उल्लंघन है। इसके एवज में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है। लगभग 3.25 लाख कर्मियों वाला मजबूत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) मुख्य रूप से देश के तीन युद्ध क्षेत्रों – पूर्वोत्तर क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद (LWE), आतंकवाद विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था के कर्तव्यों और आतंकवाद विरोधी कार्यों में तैनात है।