अभिनेत्री कंगना रनौत की हालिया टिप्पणियों पर विवाद थम नहीं रहा है। अब अहमदाबाद में तीन गांधी आश्रमवासियों ने रनौत के खिलाफ उस बयान के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 1947 में मिली आजादी वास्तविक नहीं, बल्कि भीख थी।
आश्रम के तीनों आश्रम निवासियों ने इस संबंध में अहमदाबाद पुलिस के अधिकारियों को एक पत्र सौंपा है। इसमें कहा गया है कि कंगना का बयान देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों और गांधीवादियों का अपमान है। गौरतलब है कि हाल ही में एक कार्यक्रम में कंगना ने कहा था कि 1947 में भारत की स्वतंत्रता असल स्वतंत्रता नहीं थी, बल्कि “भीख” थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को “वास्तविक स्वतंत्रता” तो 2014 में मिली।
कंगना के खिलाफ प्राथमिकी और राजद्रोह का आरोप लगाने की मांग करते हुए तीन आश्रमवासियों- धीमंत बधिया, शैलेश राठौड़ और हेमंत चौहान- ने कहा कि उनके बयानों से देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों और गांधीवादियों का अपमान हुआ है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बलिदान दिया है और कंगना के बयानों ने उनकी भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने हाल में ही कंगना को दिए गए पद्मश्री को वापस लेने की भी मांग की है।