इंडोनेशिया में शनिवार की शाम एक फुटबॉल मैच के बाद मची भगदड़ में 125 लोगों की मौत हो गई। मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इससे प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई और ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने के कारण हुई है। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। इसे दुनिया में हुए अब तक के सबसे बड़े स्टेडियम हादसों में से एक माना जा रहा है।
हिंसा तब हुई, जब पूर्वी जावा के मलंग में लोकल टीम अरेमा एफसी का पर्सेबाया सुरबाया के साथ मैच चल रहा था। अरेमा एफसी को 2-3 से हारता देख उसके प्रशंसक मैदान में घुसने लगे। मैदान से उन्हें हटाने के लिए पुलिस कर्मियों ने ताबड़तोड़ आंसू गैस के गोले दागे। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और फिर स्टेडियम में भगदड़ मच गई। हजारों लोग कंजुरुहान स्टेडियम से निकलने के लिए गेट ओर बढ़ गए, जहां कई लोगों का दम घुट गया।
ईस्ट जावा प्रांत के पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने बताया कि अपनी टीम को मैच हारता देख कुछ लोग मैदान में उतर गए। उन्हें रोकने के प्रयास के दौरान हालात बेकाबू हुए। उन्होंने कहा, “स्टेडियम में मारपीट और अफरा-तफरी थी। 34 लोगों की मौत स्टेडियम में हुई है, जबकि बाकी लोगों की मौत अस्पताल में हुई।” अफिंटा ने कहा, “यह भीड़ अराजक (anarchic) हो गई थी। उन्होंने अधिकारियों पर हमला करना शुरू कर दिया। कारों में तोड़-फोड़ कर दी।” मरने वालों में दो पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। देश के मुख्य सुरक्षा मंत्री ने बताया है कि स्टेडियम में क्षमता से अधिक दर्शक थे। स्टेडियम में क्षमता से करीब 4,000 अधिक लोग थे।
फीफा का कहना है कि मैचों में पुलिस को आंसू गैस आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। संगठन के अध्यक्ष गियानी इन्फेंटिनो ने कहा कि यह “फुटबॉल में शामिल सभी लोगों के लिए एक काला दिन और समझ से परे ट्रेजडी” थी।
इंडोनेशियाई अधिकारियों ने शुरू में मरने वालों की संख्या 174 बताई थी। लेकिन बाद में 125 लोगों के मरने की ही पुष्टि हुई। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जांच का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि जांच पूरी होने तक इंडोनेशिया की टॉप लीग के सभी मैचों को रोक दिया जाना चाहिए।
इस मैच को देख रहे 21 साल के मुहम्मद दिपो मौलाना के मुताबिक, मैच के बाद अरेमा के कुछ फैन्स घरेलू टीम के खिलाड़ियों के खिलाफ विरोध जताते हुए मैदान में उतर गए। उन्हें पुलिस ने तुरंत रोका और ‘पिटाई’ कर दी। उन्होंने कहा, “इसके बाद कुछ और दर्शक मैदान पर चले आए। फिर पूरे स्टेडियम में तनाव पैदा हो गया। पुलिस के जवानों की संख्या वहां बढ़ने लगी। वे शील्ड और कुत्तों के साथ आए थे।” दिपो ने दर्शकों पर छोड़े जा रहे कम से कम 20 आंसू गैस के गोले की आवाजें सुनीं। दिपो ने बताया कि स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश में लोग घबराए हुए थे। वहां ऑक्सीजन की कमी से लोगों का दम घुट रहा था। कई ऐसे बच्चे और बूढ़े भी थे, जिन पर आंसू गैस का असर साफ देखा जा सकता था।
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