जहां अहमदाबाद 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की भारत की महत्वाकांक्षी बोली का केंद्र बना हुआ है, वहीं सरकार और नौकरशाही के बीच चर्चा चल रही है कि खेलों को गुजरात के बाहर अन्य शहरों में भी आयोजित करके इसे पूरे देश का आंदोलन बनाया जाए।
पिछले अक्टूबर में 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए इच्छापत्र (Letter of Intent) जमा करने के बाद भारत अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की फ्यूचर होस्ट्स कमिशन के साथ “लगातार बातचीत” कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, देश के अन्य शहरों को शामिल करने वाला प्रस्ताव जल्द ही IOC के साथ साझा किया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, “यह प्रक्रिया जारी है। अंतिम योजना बातचीत के आधार पर तय की जाएगी। हम खेलों को देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाना चाहते हैं और इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाना चाहते हैं।”
अहमदाबाद में बुनियादी ढांचे पर बड़ा निवेश
2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए अहमदाबाद खेल बुनियादी ढांचे पर ₹6,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं के साथ अपनी दावेदारी को मजबूत कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, ये परियोजनाएं ओलंपिक की मेज़बानी के परिणाम से इतर पूरी की जाएंगी।
इनमें सबसे प्रमुख है नारणपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जो मार्च 2025 में खुलने के लिए तैयार है। 20.39 एकड़ क्षेत्र में फैले और लगभग ₹631.77 करोड़ की लागत से बने इस बहुउद्देश्यीय परिसर में ओलंपिक आकार का इनडोर स्विमिंग पूल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल और बैडमिंटन कोर्ट, जिमनास्टिक्स, कबड्डी, कुश्ती और ताइक्वांडो के लिए एरिना और इन खेलों के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल होगा।
इसके अलावा, दो बड़े हब पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- सरदार वल्लभभाई पटेल (SVP) स्पोर्ट्स एन्क्लेव: 355 एकड़ का क्षेत्र, जो नरेंद्र मोदी स्टेडियम के पास स्थित है। इसमें एक्वाटिक्स, टेनिस और इंडोर खेलों के लिए स्थायी स्थल होंगे, साथ ही वॉलीबॉल, 3×3 बास्केटबॉल और शहरी खेलों के लिए अस्थायी स्थल भी बनाए जाएंगे।
- कराई स्पोर्ट्स हब: 143 एकड़ क्षेत्र में एथलेटिक्स के लिए 35,000 सीटों वाला स्टेडियम बनेगा, जिसे खेलों के दौरान अतिरिक्त अस्थायी सीटों से बढ़ाया जा सकता है। कराई पुलिस अकादमी में शूटिंग कॉम्प्लेक्स भी बनाया जाएगा।
इन परियोजनाओं को 2028 तक पूरा करने की समय सीमा तय की गई है।
बड़े आयोजनों के माध्यम से अनुभव हासिल करना
भारत अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के माध्यम से मेज़बानी का अनुभव बढ़ाने की योजना बना रहा है। इनमें 2028 वर्ल्ड U20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2028 एशियन स्विमिंग चैंपियनशिप, 2030 यूथ ओलंपिक और वर्ल्ड पुलिस एंड मिलिट्री गेम्स शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा, “यह केवल ओलंपिक की मेज़बानी के बारे में नहीं है। इन आयोजनों से हमें अपनी क्षमताओं को परखने, अनुभव प्राप्त करने और अपनी तैयारी दिखाने का मौका मिलेगा।”
चुनौतियां भी कम नहीं
भारत की बोली आंतरिक और बाहरी दोनों चुनौतियों का सामना कर रही है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में चल रहे विवाद, जिसमें अध्यक्ष पीटी उषा का कार्यकारी समिति के साथ मतभेद शामिल है, ने चिंता बढ़ा दी है।
एक अधिकारी ने कहा, “IOA ही IOC के साथ बातचीत का जिम्मेदार है। इन मुद्दों का जल्दी समाधान भारत की साख के लिए बेहद जरूरी है।”
इसके अलावा, कतर और सऊदी अरब जैसे वित्तीय ताकतवर देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जिन्होंने बड़े आयोजनों की मेज़बानी के लिए अपनी मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई है।
निर्णय की समय सीमा
IOC के अनुसार, कम से कम 10 देशों ने 2036 ओलंपिक की मेज़बानी में रुचि दिखाई है। 2028 में लॉस एंजेलेस और 2032 में ब्रिस्बेन के बाद उपलब्ध इस अगले स्लॉट पर निर्णय 2026 से पहले संभव नहीं है।
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