भारतीयों ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों में विदेश यात्रा पर करीब 10 अरब डॉलर खर्च किए। इससे पहले किसी भी वित्तीय वर्ष में इतना अधिक खर्च कोविड से पहले वाले वित्त वर्ष 20 में था। तब भारतीयों ने विदेशी यात्राओं पर लगभग 7 अरब डॉलर खर्च किए थे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों ने अकेले दिसंबर 2022 में यात्रा पर 1,137 मिलियन डॉलर खर्च किए। इससे अप्रैल और दिसंबर 2022 के बीच सीमा पार छुट्टियों पर कुल खर्च 9,947 मिलियन डॉलर हो जाता है।
शिक्षा, रिश्तेदारों के भरण-पोषण (maintenance), उपहार और निवेश पर खर्च की गई विदेशी मुद्रा को ध्यान में रखते हुए भारतीयों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 19,354 मिलियन डॉलर भेजे हैं। यह वित्त वर्ष 22 में विदेश भेजे गए 19,610 मिलियन डॉलर के करीब है, जो पैसा भेजने का एक रिकॉर्ड है।
वित्तीय वर्ष 2018 तक पैसा भेजने (remittances) में एक अरब डॉलर से कम के कुल मासिक औसत के मुकाबले भारतीय अब करीब 2 अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2012 में 35% की तुलना में वित्त वर्ष 23 में यात्रा की हिस्सेदारी 51% तक बढ़ने के साथ यात्रा खर्च भी बढ़ा। यह वित्त वर्ष 21 को छोड़कर पहले के वर्षों जैसा ही था। कोविड के कारण वित्त वर्ष 21 में यह 25% तक गिर गया था।
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