रुस और यूक्रेन में हो रहे युद्ध के बीच फंसे भारतीय छात्रों को लेकर एक ओर जहां उनके परिजन चिंतित हैंं। वहीं दूसरी ओर अब सरकार भी विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है। बता दें यूक्रेन में आज एक भारतीय छात्र की रुसी हमले में मौत हो गई।
जिसके बाद से परिजन और अधिक परेशान हो गए हैं। बता दें कि आज यूक्रेन के ख़ारकीव सिटी में भारतीय छात्र नवीन कुमार की रूसी हमले में मौत हो गई। विदेश मंत्रालय ने की भारतीय छात्र नवीन कुमार के मौत की पुष्टि की है।
नवीन कर्नाटक के रहने वाले थे और वे खाना लेने के लिए बाहर निकले थे। इसी दौरान रुस ने हवाई हमला कर दिया। जिसमें उनकी मौत हो गई। वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय राजदूत ने यूक्रेन और रूस के अपने सक्षम से बात की और भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
पेपर पर हाथों से तिरंगा बनाया और उसे अपनी ढाल बनाकर आगे बढ़ रहे हैं
यूक्रेन में फंसे करीब 1,400 भारतीयों को लेकर छह उड़ानें अब तक भारत आ चुकी हैं। जल्द ही और हिंदुस्तानी वापस आएंगे। इस बीच एक बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई है। रूसी सैनिकों के हमले से बचने के लिए छात्रों ने पेपर पर हाथों से तिरंगा बनाया और उसे अपनी ढाल बनाकर आगे बढ़ रहे हैं।
दरअसल, 200 से ज्यादा भारतीय छात्र कीव में 4 दिनों से फंसे थे। इन्हें निकालना इंडियन एबेंसी के लिए सबसे मुश्किल साबित हो रहा था। जत्थे में शामिल छात्रा आकांक्षा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से तिरंगा झंडा सभी ने हाथों से बनाया था। करीब 1 दर्जन तिरंगे पेपर पर बनाए गए।
ट्रेन के बाहर भी एक तिरंगा लगाया गया है, ताकि रूसी सेना कोई हमला न कर सके। कीव से रोमानिया का सफर करीब 800 किमी का है। आकांक्षा ने बताया कि कीव से निकलना ही बेहद मुश्किल था। चारों तरफ तबाही, धमाके और लाशें ही देखने को मिली।
ट्रेन कहां तक जा पाएगी कुछ नहीं बता सकते। ट्रेन का सिर्फ एक कोच ही मिल सका, जिसमें सभी छात्र हैं।
5 मिलियन लोग यूक्रेन से भागे
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक यूक्रेन से पांच मिलियन से अधिक लोगों को पड़ोसी पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, मोल्दोवा और स्लोवाकिया सहित कई यूरोपीय देशों में विस्थापित कर चुका है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सीमा पर कारों और बसों की लंबी कतारें लग गई हैं. दूसरे देशों में शरण लेने के लिए हर दिन हजारों लोग अपने घरों से पलायन कर रहे हैं।
भारत से भेजी गई राहत सामग्री
युद्ध के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत अब यूक्रेन की मदद के लिए आगे आया है. भारत से राहत सामग्री की पहली खेप मंगलवार को यूक्रेन भेजी जाएगी। यूक्रेन में जारी जंग के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने राहत सामग्री भेजने का फैसला किया। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने युद्धग्रस्त पड़ोसियों और विकासशील देशों की मदद करता रहेगा. इससे पहले भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने भारत को राहत सामग्री मुहैया कराने की अपील की थी।
वायु सेना के विमानों को यूक्रेन भेजा जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों को निकालने में तेजी लाई जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायुसेना को भी ऑपरेशन में शामिल होने को कहा है। वायुसेना के विमानों के जुड़ने से भारतीयों की स्वदेश वापसी की प्रक्रिया में तेजी आएगी और उनकी संख्या भी बढ़ेगी। वहीं, भारत से भेजा गया राहत सामग्री भी जल्द पहुंच जाएगी। ऑपरेशन गंगा के तहत आज भारतीय वायुसेना के कई सी-17 विमान उड़ान भर सकते हैं।
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