वर्ष 2023-24 में देश के कुल स्वर्ण भंडार में 27.46 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 822 टन हो गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में देश के कुल स्वर्ण भंडार में 27.46 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 822 टन हो गया। सूत्रों ने कहा कि सोने का एक बड़ा हिस्सा विदेश में जमा है। अन्य देशों की तरह भारत का सोना भी बैंक आफ इंग्लैंड के पास जमा है।
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में ब्रिटेन में रखे अपने 100 टन सोने को घरेलू तिजोरियों में पहुंचाया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह 1991 के बाद सोने का सबसे बड़ा स्थानांतरण है।
वर्ष 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए सोने के बड़े हिस्से को गिरवी रखने के लिए तिजोरियों से बाहर निकाला गया था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में देश के कुल स्वर्ण भंडार में 27.46 टन की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 822 टन हो गया। सूत्रों ने कहा कि सोने का एक बड़ा हिस्सा विदेश में जमा है। अन्य देशों की तरह भारत का सोना भी बैंक आफ इंग्लैंड के पास जमा है।
भारत में 100 टन सोना वापस आने से स्थानीय स्तर पर संग्रहीत सोने की कुल मात्रा बढ़कर 408 टन से अधिक हो गई है। इसका अर्थ है कि स्थानीय और विदेशी होल्डिग अब लगभग बराबर है। केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 में जारी किए गए नोटों के बदले स्थानीय स्तर पर 308 टन से अधिक सोना रखा गया है।
इसके अलावा 100.28 टन सोना स्थानीय स्तर पर बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में रखा गया है। कुल स्वर्ण भंडार में से 413.79 टन सोना विदेशों में रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ साल में सोना खरीद को देखते हुए विदेशों में गिरवी रखे सोने को घटाने का निर्णय लिया गया, जो मानक समीक्षा प्रक्रियाओं का हिस्सा है।
वर्ष 2009 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 200 टन सोना खरीदा था। इसके बाद से वह अपने विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति विविधीकरण प्रयासों के तहत द्वितीयक बाजार से पीली धातु खरीद रहा है। सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में स्थानीय स्तर पर सोना मुम्बई और नागपुर में उच्च सुरक्षा वाली तिजोड़ियों में रखा गया है।
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