अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हो गई। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए। भारत के छह जवानों को चोटें आई हैं, जिनका विमान से लाकर गुवाहाटी में इलाज कराया जा रहा है। झड़प 9 दिसंबर को हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि 300 से अधिक चीनी सैनिकों ने 17,000 फुट ऊंची चोटी तक पहुंचने का प्रयास किया था। इसे भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया। यह इलाका अब बर्फ की चपेट में है। दरअसल चीनी सैनिक एक भारतीय चौकी को उखाड़ना चाहते थे, लेकिन भारत के जांबाजों ने ऐसा नहीं होने दिया। इसके बाद दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए।
सूत्र ने कहा, “घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में हमारे कमांडर ने शांति के लिए निर्धारित सिस्टम के तहत चर्चा करने के लिए चीनी सेना के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की।”
बता दें कि भारतीय सैनिकों ने पिछले साल अक्टूबर में इसी क्षेत्र में चीनी सैनिकों को रोका था। 2021 में अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब 200 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों को रोक दिया गया था।
इस बीच, तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने केंद्र से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने कहा, “अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर आ रही है। अब समय आ गया है कि सरकार अपने ढुलमुल रवैये को छोड़कर चीन को कड़े लहजे में समझाए कि उसकी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
एआईएमआईएम (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अरुणाचल प्रदेश में झड़प के बारे में सरकार ने संसद को सूचित क्यों नहीं किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था, तो उसे सूचित क्यों नहीं किया गया?”
उन्होंने आगे कहा कि सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है। संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है।