2007 से तात्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल में बसा कर रखने के बाद आख़िरकार खेड़ब्रह्मा कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विन कोतवाल आज भाजपा में शामिल हो गए . भाजपा में शामिल होने से पहले, कोतवाल ने कांग्रेस से और विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया। है। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. एक के बाद एक कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं , अभी चुनाव घोषित होने के पहले यह सूची और लम्बी हो सकती है।
2017 में कांग्रेस के जीते थे 77 विधायक ,बचे 63
आश्विन कोतवाल के इस्तीफे के साथ ही विधानसभा में अब 178 विधायक हो गए हैं। कांग्रेस की ताकत 63 विधायकों तक सिमट गयी है। जबकि उनके सहयोगी के तौर पर लड़ी भारतीय ट्रायबल पार्टी अपने 2 विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग होकर अरविन्द केजरीवाल की आप के साथ गठबंधन कर चुके है.
जिग्नेश मेवाणी वडगाम से निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस समर्थित थे , इस तरह कांग्रेस समर्थित विधायकों की संख्या 82 थी यानि सत्ता से महज 12 कदम दूर।
लेकिन वह अपने विधायकों को ज्यादा समय तक अपने पास विपक्ष में नहीं रख पाए। वही भाजपा के सदस्यों की संख्या 99 से बढ़कर 111 हो गयी है। विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां बीजेपी के 111, कांग्रेस के 63, बीटीपी के 2 विधायक, निर्दलीय के 1 विधायक, एनसीपी के 1 विधायक हैं. इसके अलावा 4 विधानसभा सीटें खाली हैं।
इनमें खेडब्रह्मा, भिलोडा , उंझा, द्वारका शामिल हैं। कोतवाल के अलावा भीलोडा विधायक डॉ अनिल जोशियारा का हाल ही में निधन हो गया है , उनके पुत्र के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। वही द्वारका विधायक प्रभुबा माणेक अदालत के फैसले से विधानसभा की सदस्यता खो चुके हैं।
वही उंझा विधायक डॉ आशा पटेल का भी निधन हो चूका है।
2017 के बाद कांग्रेस छोड़ चुके विधायक
- कुंवरजी बावलिया – जसदण
- जवाहर चावड़ा – माणावदर
- अल्पेश ठाकोर – राधनपुर
- धवलसिंह जाला – बयाड
- पुरुषोत्तम सबरिया – ध्रांगध्रा
- जे वी कंकड़िया – धारी
- सोमभाई गंडा – लिमड़ी
- प्रवीणभाई मारू – गढडा
- पद्मं सिंह जडेजा – अबडासा
- मंगल गामित – डांग
- बिजेश मिर्ज़ा – मोरबी
- जीतू चौधरी – कपराडा
- अक्षय पटेल – कर्जन
- आशाबहन पटेल – उंझा
- वल्लभाई धारिया – जामनगर ग्रामीण
- अश्विन कोतवाल- खेड़ब्रह्मा
कुछ बने मंत्री ,कुछ बनकर हटे
भाजपा जाने के बाद हुए उपचुनाव में जीत कर आने के बाद कुंवर जी बावलिया ,जवाहर चावड़ा ,मंत्री बने थे. विजय रुपाणी कैबिनेट में हुए बदलाव के बाद दोनों को पदमुक्त कर दिया गया। उनकी जगह ब्रिजेश मिर्जा और जीतू चौधरी को मंत्री बनाया गया है। जबकि अल्पेश ठाकोर उपचुनाव हार गए थे वही सोम पटेल को टिकट ही भाजपा से नहीं मिली थी। अब देखना होगा की चुनाव आयोग उपचुनाव चार रिक्त सीटों के लिए कराता है या विधानसभा चुनाव ही होते हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए 4 आदिवासी विधायक 5 ओबीसी ,1 एसटी तथा 6 सामान्य समुदाय से शामिल हैं जिसमे 4 पटेल हैं।