- अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जिग्नेश मेवाणी का हुआ भव्य स्वागत
- जेल में मेरा विश्वास हुआ मजबूत , मुझे डराने की हुयी असफल कोशिश
11 दिन बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी का अहमदाबाद दलित समुदाय, कांग्रेस, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और समर्थकों ने भव्य स्वागत किया. जिग्नेश मेवानी असम पुलिस द्वारा दो मामलों में हिरासत में जमानत मिलने के बाद दिल्ली होते हुए अहमदाबाद आये , नवा वाडज में आयोजित सत्यमेव जयते सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए निर्दलीय विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर हमलावर रहे ,पुष्पा स्टाइल दोहराते हुए कहा की यह जिग्नेश मेवाणी फ्लावर नहीं फायर है। ना तो डरेगा और ना ही झुकेगा। यदि मोदी शाह गुजरात के हैं तो मै भी गुजरात का ही हु, डरना सीखा ही नहीं है।
अमित चावड़ा ने कहा कि जिग्नेश के कारण तानशाहो के खिलाफ लड़ाई की एक नई दिशा मिली है। जब तक इस देश में लोकतंत्र में विश्वास करने वाले लोग हैं, तब तक तानाशाही नहीं चलेगी।
अर्जुन मोढवाडिया ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार जब भी चुनाव आता है तो महंगाई और बेरोजगारी को छिपाने के लिए जाति और धर्म के नाम पर युवाओं, भाइयों और बहनों को लड़ाने की कोशिश करती है । रंगा बिल्ला को पहला झटका जिग्नेश भाई के नाम पर लगा, लेकिन नौ दिनों में सच्चाई की जीत हुई। आज सत्य की जीत हुयी है ,गलत जगह उन्होंने हाथ डाल दिया था।
इसके पहले जिग्नेश मेवानी के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ही समर्थकों की भीड़ पहुंच गई और नारेबाजी करने लगे। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा घेरा भी कड़ा कर दिया गया था। एयरपोर्ट से सारंगपुर तक कांग्रेस नेताओं और उनकी टीम के नेताओं के साथ खुली जीप में जिग्नेश मेवानी को ले जाया गया ,जहा उन्होंने भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और फिर ओल्ड वडाज में आयोजित सत्यमेव जयते जनसभा में शामिल हुए ,जहा उनके हजारो समर्थक और कांग्रेस के नेता मौजूद थे।
हवाई अड्डे पर जिग्नेश मेवानी ने कहा कि गांधी, सरदार, इंदुलाल याज्ञनिक और रविशंकर महाराज के गुजरात के दिल्ली में बैठे दो लोंगो ने निर्दलीय विधायक का हौसला तोड़ने के लिए आसाम में गिरफ्तारी करवाई।लेकिन अपने समर्थकों और शुभचिंतकों के कारण मैं आज वापस आ गया हूं, जेल में मेरा विश्वास मजबूत हुआ है।
जिग्नेश मेवानी को रिहा करने की मांग को लेकर गुजरात के अलावा दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा और असम में आंदोलन और रैलियां हुईं और सड़कों पर उतरकर लोगों ने जिग्नेश मेवानी की रिहाई की मांग की। जिग्नेश मेवानी के जमानत आदेश पर न्यायाधीश नेआसाम पुलिस पर कठोर टिप्पणी की और मामले को बनाया गया बताया था।
जिग्नेश मेवाणी का आरोप पीएमओ के कहने रची गयी गिरफ्तारी की साजिश