भूपेंद्र पटेल Bhupendra Patel ने गुजरात के मुख्यमंत्री Chief Minister of Gujrat के तौर पर दोबारा शपथ लेने के साथ ही ऐतिहासिक तौर से अपना नाम दर्ज करा लिया। 62 वर्षीय भूपेंद्र पटेल लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाले पहले पाटीदार मुख्यमंत्री बने। इंजीनियर-बिल्डर से लेकर मुख्यमंत्री तक का उनका सफर काफी रोमांचक रहा है।
विजय रुपाणी Vijay Rupani के उत्तराधिकारी के तौर पर पिछले साल सितंबर में गुजरात के सीएम बने भूपेंद्र पटेल को ‘दादा’ कहा जाता है. इससे पहले वे घाटलोडिया से विधायक थे और 2017 में पहली बार चुनाव जीते थे, लेकिन पिछले 15 महीनों में भूपेंद्र पटेल ने अपने काम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है. यही कारण है। पीएम मोदी ने उन्हें नरम और दृढ़ मुख्यमंत्री बताया। भूपेंद्र पटेल का सफर बेहद दिलचस्प है। उनके नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक तौर से 156 सीट हासिल की.
15 जुलाई 1962 को जन्मे भूपेंद्र पटेल के पिता का नाम रजनीकांत और पत्नी का नाम हेतल पटेल है। उनके भाई केतन पटेल है। उनके पुत्र अनुज पटेल और बहू का नाम देवांशी है। पाटीदार समुदाय से आने वाले भूपेंद्र पटेल के पास सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में डिप्लोमा की डिग्री है, वह कड़वा पाटीदार हैं।
भूपेंद्र पटेल सबसे पहले आरएसएस में शामिल हुए थे। सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने बिल्डर के तौर पर काम करना शुरू किया। 1995 में, उन्होंने मेमनगर नगर परिषद चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 1999 और फिर 2004 में भूपेंद्र पटेल नगर पालिका के सदस्य बने। इस दौरान उन्हें 1999 से 2004 तक नगर पालिका अध्यक्ष बनने का भी मौका मिला। इसके बाद भूपेंद्र पटेल 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम के उपाध्यक्ष बने। वह 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष थे। 2017 के चुनाव में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की घाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ा था और 1.17 लाख वोटों से जीते थे. विजय रुपाणी के स्थान पर उन्हें 2021 में मुख्यमंत्री बनाया।
2022 में एक बार फिर घाटलोडिया से उन्होंने एक और बड़ी जीत दर्ज की है।83 फीसदी वोट हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी अमी याग्निक को 1.92 लाख वोटों से हराया.
भूपेंद्र पटेल बेहद सहज स्वभाव के हैं। यही वजह है कि उन्होंने एक साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजरों में अपनी अलग छवि बनाई. आज दोनों नेताओं को उन पर भरोसा है। भूपेंद्र पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह भूपेंद्र पटेल मंत्री नहीं बने, सीधे मुख्यमंत्री बन गए. पोरबंदर में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बुलडोजर दादा भी कहा जाता था. पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान उनके इस कदम की तारीफ की। इसके बाद उन्होंने नरेंद्र और भूपेंद्र सरकार, डबल इंजन सरकार का नारा दिया।
भूपेंद्र पटेल बहुत सहज स्वभाव के हैं। पैंट-शर्ट के अलावा वे कुछ मौकों पर कुर्ता भी पहनते हैं। भूपेंद्र पटेल को राजनीति के अलावा क्रिकेट में भी काफी दिलचस्पी है. वे क्रिकेट देखते हैं। अपने खाली समय में वह क्रिकेट और बैडमिंटन खेलना और देखना पसंद करते हैं। पिछले 15 महीनों में भूपेंद्र पटेल कई बार आम लोगों के बीच सड़क किनारे बैठकर चाय पीकर प्रोटोकॉल तोड़ चुके थे. दादा के इस अंदाज पर कई सुर्खियां भी बटोरी थीं.
भूपेंद्र पटेल ने इस बार यानी साल 2022 में जो चुनावी हलफनामा दिया है. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पास 8 करोड रुपए से ज्यादा (8,22,80,688) की संपत्ति है, जबकि डेढ़ करोड़ (1,53,10,680) के आसपास कर्ज भी है। भूपेंद्र पटेल के पास कुल 3,63,40,688 रुपए की चल संपत्ति है, जबकि 4,59,40,000 की अचल संपत्ति है। भूपेंद्र पटेल ने चुनावी हलफनामे में अपनी आमदनी का जरिया सैलरी, रेंट और अन्य इनकम बताया है। जबकि उनकी पत्नी दुकानों के किराए और बिजनेस से कमाती हैं।
भूपेंद्र पटेल के परिवार के नाम सिर्फ एक एक्टिवा स्कूटर है.भूपेंद्र पटेल ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके नाम पर एक भी गाड़ी नहीं है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर 2007 मॉडल की एक होंडा एक्टिवा स्कूटर है, जिसकी कीमत 42865 बताई है। भूपेंद्र पटेल की पत्नी ज्वेलरी की कफी शौकीन हैं। उनके पास सोने-चांदी के 4 किलो से अधिक के गहने हैं। इसमें 950 ग्राम सोने की ज्वेलरी है जबकि 3 किलो 650 ग्राम चांदी की ज्वेलरी है। इसी तरह खुद भूपेंद्र पटेल के पास करीब 25 लाख रुपये की डायमंड की ज्वेलरी है।
भूपेंद्र पटेल ने ली मुख्यमंत्री की शपथ , 16 मंत्रियो को मिली जगह