गिर-सोमनाथ जिले के वेरावल में एक लोकप्रिय डॉक्टर की मौत ने सबको झकझोर दिया है। मौके से एक कथित सुसाइड नोट मिलने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। गिर-सोमनाथ पुलिस मामले की जांच कर रही है और एफएसएल को लिखावट की जांच के लिए कहा है।
एसटी बस स्टैंड रोड पर वेरावल के टॉवर चौक पर डॉ. अतुल चाग का एक बहुमंजिला एमडीए अस्पताल है। वेरावल पुलिस इंसपेक्टर एसएम इशरानी ने कहा: “रविवार सुबह करीब 11.30 बजे डॉक्टर चाग के अस्पताल के एक कर्मचारी ने स्थानीय पुलिस को फोन किया। सुबह 10 बजे जब डॉक्टर चाग अस्पताल में नहीं दिखे, तो कर्मचारी उन्हें ढूंढते हुए चौथी मंजिल पर स्थित उनके आवास पर गए। वहां उन्हें बेडरूम में पंखे से लटके देखकर वे चौंक गए।”
अकेले रहने वाले 62 वर्षीय डॉक्टर का पहले तीन मंजिल पर अस्पताल और चौथी मंजिल पर आवास था। पुलिस को संदेह है कि मौत सुबह के समय हुई है। डॉ चाग की कथित आत्महत्या की खबर से जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। वह एक लोकप्रिय बाल रोग विशेषज्ञ (paediatrician) थे, जिन्होंने सैकड़ों रोगियों का इलाज किया। उनके अंतिम संस्कार में काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। सुसाइड नोट कथित तौर पर वन-लाइनर है: “मैं नारनभाई और राजेशभाई चुडासमा के कारण आत्महत्या कर रहा हूं।”
राजेश चुडासमा गिर-सोमनाथ जिले से वर्तमान सांसद हैं। डॉ चाग हमेशा अपना नुस्खा अंग्रेजी में लिखते थे। हालांकि, गुजराती में लिखे गए सुसाइड नोट और अंग्रेजी में उस पर दस्तखत ने पुलिस को हैरान कर दिया है। इसे एफएसएल को यह पुष्टि करने के लिए भेजा गया है कि यह डॉ चाग का लिखा हुआ है या नहीं।
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि चाग ने चोरवाड़ के नारनभाई चुडासमा को 2.5 करोड़ रुपये उधार दिए थे, जिसने कथित तौर पर बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पैसे वापस करने से इनकार कर दिया था।
इस बीच, राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने ट्विटर पर राज्य सरकार से उन परिस्थितियों की जांच करने का अनुरोध किया, जिसके कारण डॉ चाग ने यह कदम उठाया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से विशेष रूप से मामले की जांच कराने का अनुरोध भी किया है।
पुलिस इंसपेक्टर इशरानी ने कहा कि वह जांच कर रहे हैं कि सुसाइड नोट में उल्लिखित नारनभाई कौन हैं, क्योंकि नोट में केवल पहले नाम का उल्लेख है। संयोग से राजेश चुडासमा के पिता का नाम भी नारनभाई है।
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