वैसे तो ईवी यानी इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) की बिक्री ने अक्टूबर 2021 में ही तेजी दिखानी शुरू कर दी थी, लेकिन इसमें पिछले साल भारी वृद्धि देखी गई। इस महीने के पहले 10 दिनों में गुजरात में 2,168 ईवी की बिक्री दर्ज की गई, जिनमें दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 60% थी। पेट्रोल वाहनों की श्रेणी में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 67% और चौपहिया (four-wheel) वाहनों की 33% हिस्सेदारी रही।
ट्रांसपोर्ट विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सीएनजी वाहनों ने 2021 की तुलना में पिछले साल 58% की वृद्धि दर्ज की, लेकिन इसी अवधि में ईवी की बिक्री में राज्य में 606% की वृद्धि देखी गई। यह देश की 211% की ईवी बिक्री वृद्धि से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि यह सब कंज्यूमर के पॉजीटिव सेंटीमेंट, सड़कों में सुधार और सरकार की नीतियों के कारण है।
कुल 68,999 इकाइयों की बिक्री के मुकाबले में सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट में 45,764 इकाइयों की बिक्री हुई। सूरत ने 21,872 इकाइयां बेचीं, तो अहमदाबाद ने 13, 251 इकाइयां बेचीं। ट्रांसपोर्ट विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज दास ने कहा, “बिक्री के आंकड़े काफी उत्साहजनक हैं। अधिक चार्जिंग स्टेशन खुलने से खरीदारों का विश्वास भी बढ़ा है। इसके अलावा, सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न प्रोत्साहन और सब्सिडी ने भी ईवी के निर्माण में मदद की है।”
एक डीलर ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहन की रनिंग कॉस्ट 1-2 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि पेट्रोल वाहनों के लिए यह 5 रुपये और सीएनजी वाहनों के लिए 3.50-4 रुपये है। एक ईवी वाहन की फुल-चार्ज रेंज 300 किलोमीटर से अधिक है। इसलिए, कोई भी आसानी से अहमदाबाद से वडोदरा जाओ और वापस आ जाओ, या सीधे सूरत जाओ।”
इसके अलावा, इनकम टैक्स कानून की धारा 80EEB के तहत व्यक्तिगत करदाता ईवी खरीदने के लिए लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकता है। डीलरों का कहना है कि इस सुविधा ने भी ईवी बिक्री को बढ़ावा दिया है।
एफएडीए गुजरात के चेयरपर्सन हितेंद्र नानावती ने कहा, “राज्य में ईवी की बिक्री संतोषजनक रही है। देश में बिकने वाले वाहनों में ईवीएस की हिस्सेदारी 1.3% है और ईवी की बिक्री में सूरत की हिस्सेदारी लगभग 3% है। इसलिए कि नई टेक्नोलॉजी में सूरत के लोगों की दिलचस्पी अधिक रहती है।”
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