हार्दिक पटेल 2 जून को गांधीनगर के कमलम में प्रदेश भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल और सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होकर अपने सियासी जीवन की दूसरी पारी खेलेंगे , कांग्रेस के साथ उनकी पहली पारी 18 मई को उनके इस्तीफे के साथ ही खत्म हो गयी थी। हालांकि उसके पहले के कुछ महीने उनके और कांग्रेस के बीच तनाव भरे थे। वह भाजपा को बेहतर विकल्प के तौर पर देखते हुए भाजपा की लम्बे समय से तारीफ कर रहे थे हार्दिक पाटीदार आरक्षण आंदोलन से निकले नेता है , उनके संघर्ष के साथी उनके इस कदम को आत्मघाती करार दे रहे हैं ऐसे में पास आंदोलन के दौरान उनके साथ रहे युवा नेताओं ने भिन्न भिन्न प्रतिक्रिया दी है।
पाटीदार समुदाय का मुखिया ऐसा नहीं हो सकता- लाल जी पटेल
हार्दिक के भाजपा में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपीजी समूह के प्रमुख लालजी पटेल ने कहा, पाटीदार समुदाय का मुखिया ऐसा नहीं हो सकता। पहले तो हार्दिक ने राजनीति में आने से इनकार कर दिया और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए और अब जिस पार्टी के खिलाफ उन्होंने आंदोलन किया है वह उसी भाजपा में शामिल हो रहे हैं । पाटीदार समाज की समस्या आज भी जस की तस है।
पहले हार्दिक बताये आंदोलन के दौरान शहीद हुए युवाओं के परिवार की नौकरी का क्या हुआ – अल्पेश कथिरिया
इसके अलावा पास के संयोजक अल्पेश कथिरिया ने कहा, ‘सबसे पहले मैं हार्दिक को पाटीदार नेता के तौर पर बधाई देना चाहता हूं और दूसरी बात यह कि पाटीदार आंदोलन के दौरान युवाओं के खिलाफ केस वापस लेने और उनके परिवारों को सरकारी नौकरी देने पर बीजेपी का क्या स्टैंड है. जो शहीद हुए थे?” हार्दिक पटेल के लिए समाज को बताना उचित होगा कि उनके मुद्दों का क्या हुआ। अल्पेश ने कहा कि बीजेपी पार्टी में शामिल होने के लिए भय की राजनीति करती है , हार्दिक भी इसका हिस्सा हो सकते हैं.
विनाश काले विपरीत बुद्धि को किसी ने सार्थक किया है तो वह हार्दिक है – मनोज पनारा
मनोज पनारा ने कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि को किसी ने सार्थक किया है तो वह हार्दिक है, यह उनकी पूरी राजनीतिक आत्महत्या है।
वही पास नेता दिनेश बंभानिया ने भी हार्दिक के इस कदम को आत्मघाती बताया है. साथ ही उन्हें उज्ज्वल भविष्य की बधाई भी दी।
हार्दिक पटेल का यह कदम आत्मघाती है- रेशमा पटेल
दूसरी ओर कभी हार्दिक पटेल के पाटीदार आंदोलन की हिस्सा रही रेशमा पटेल ने कहा कि हार्दिक पटेल का यह कदम आत्मघाती है। अगर उन्हें लगता है कि बीजेपी में शामिल होकर वह कुछ बड़ा कर सकते हैं तो ऐसा नहीं होगा. कांग्रेस में उसका जो अस्तित्व और वजन था वह पूरी तरह से नष्ट होने वाला है। रेशमा पटेल ने हार्दिक पटेल पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। रेशमा भाजपा में जा चुकी है और अभी एनसीपी में है। रेशमा ने हार्दिक को खुला पत्र लिखकर भी भाजपा में ना जाने की सलाह दी है।