वडोदरा: अब आपका फलाहार और भी स्वादिष्ट और विशिष्ट बनने जा रहा है! गुजरात के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है, जब पहली बार तीन स्वदेशी फल किस्मों को राष्ट्रीय पहचान मिली है, जिससे अब इनकी खेती पूरे भारत में की जा सकेगी।
आनंद कृषि विश्वविद्यालय (AAU) के वैज्ञानिकों द्वारा दशकों की मेहनत के बाद विकसित की गई इन फलों की किस्में उच्च गुणवत्ता और बेहतर उपज का वादा करती हैं। अब उपभोक्ता आनंद रसराज आम की मिठास का आनंद ले सकते हैं, आनंद वामन केले की मलाईदार बनावट का स्वाद चख सकते हैं, या लाल बहादुर अमरूद के खट्टे-मीठे स्वाद का मजा उठा सकते हैं।
राष्ट्रीय पहचान मिलने के साथ ही अब इन फलों की बड़े पैमाने पर खेती की जाएगी। “नए बाग लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा मिलेगा,” एएयू के कुलपति डॉ. के. बी. कथीरिया ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस उपलब्धि से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा।
यह उपलब्धि गुजरात की कृषि प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राज्य के बागवानी क्षेत्र में योगदान को और मजबूत करती है।
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