गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया का प्रवेश हो गया है। वोटरों को लुभाने के लिए हजारों कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों (volunteers) की टीमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया पेजों को चमकाने में दिन-रात लग गए हैं।
यदि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपने समर्थकों के बनाए नेटवर्क पर भरोसा करती है, तो विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) जमीनी स्तर पर मतदाताओं (voters) तक पहुंचने के लिए लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रही हैं।
भाजपा का सोशल मीडिया अभियान पिछले दो दशकों से गुजरात में कायम अपनी पार्टी की सरकार के कामों को उजागर करने पर जोर दे रहा है। बता दें कि इस दौरान यानी 2001 से 2014 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात का सीएम रह चुके हैं।
भगवा संगठन ने “आ गुजरात में बनव्यू छे (यह गुजरात हमने बनाया है)” नाम से नया अभियान लॉन्च किया है। इसके जरिये गुजराती गौरव के इमोशनल मुद्दे को उठाया जाता है।
दूसरी ओर, एक पधाकिकारी ने बताया कि कांग्रेस उस युग को याद कर रही है जब उसने राज्य पर शासन किया था। साथ ही यह बता रही है कि राज्य के विकास के लिए उसकी सरकारों ने क्या योगदान दिया और कैसे भाजपा ने अपने 27 वर्षों के शासन में कुछ नहीं किया।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि आप ने राज्य में अपने चुनाव प्रचार के दौरान अपने राष्ट्रीय संयोजक (convener) अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित पार्टी की कई “गारंटियों” के बारे में स्टोरी बनाई है। पार्टी वोटर से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप पर बहुत अधिक भरोसा कर रही है।
भाजपा के सोशल मीडिया सह-प्रभारी (co-in-charge) मनन दानी ने कहा, “हमने अब तक पांच अभियान चलाए हैं और आने वाले दिनों में कुछ और अभियान चलाएंगे। हम कुछ नया पेश करने के लिए हर हफ्ते अपने अभियान बदलते रहते हैं।” उन्होंने कहा कि पार्टी ने लगभग छह महीने पहले 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत लोकल भाषा में की थी। इसका टैगलाइन था- “20 वारस नो विश्वास, 20 वरस नो विकास” (पिछले 20 वर्षों का विश्वास और विकास)।
दानी ने बताया कि सत्ताधारी दल ने “मोदीजी ना सुवर्ण 20 साल (मोदी के स्वर्णिम 20 वर्ष)”, “वंदे भारत”, “आ गुजरात मैं बनायु छे”, “बीजेपी एतले भरोसा (बीजेपी का मतलब विश्वास)” जैसे अभियान चलाए हैं।
गुजरात बीजेपी अपने वोटर आउटरीच ड्राइव (outreach drives) में 15 से अधिक एप्लिकेशन का उपयोग करती है। भगवा पार्टी के फेसबुक पर 35 लाख, इंस्टाग्राम पर 57.8 लाख, ट्विटर पर 15 लाख और यूट्यूब पर 45,600 फॉलोअर्स हैं।
उधर कांग्रेस के फेसबुक पर 7 लाख, इंस्टाग्राम पर 64.3 लाख, ट्विटर पर 1,64,000 और यूट्यूब पर 8,91,000 फॉलोअर्स हैं। आप के फेसबुक पर 5.67 लाख, इंस्टाग्राम पर 1.17 लाख फॉलोअर्स हैं। जबकि राज्य आप का अपना अलग से कोई यूट्यूब पेज नहीं है। वह अपने राष्ट्रीय यूट्यूब पेज पर निर्भर है, जिसके 42.3 लाख फॉलोअर्स हैं।
दानी ने कहा कि भाजपा के पास 20,000 से अधिक कार्यकर्ताओं की एक टीम है और 60,000 से अधिक स्वयंसेवक सोशल मीडिया अभियान चला रहे हैं।
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष केयूर शाह ने बताया कि पार्टी ने एक लक्षित (targeted) अभियान चलाने के लिए रणनीति तैयार की है। यानी विशेष विधानसभा सीटों और समुदायों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे पेज बनाना, जो उस विशेष चुनाव क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी अपने अभियान को चलाने और जमीनी स्तर पर मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए व्हाट्सएप पर बहुत अधिक निर्भर है। शाह ने कहा, “हमने बूथ और ग्राम स्तर पर लगभग 50,000 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इनमें बूथ स्तर के कार्यकर्ता शामिल हैं, लेकिन विभिन्न सीटों के लिए सामाजिक समुदाय-वार (social community-wise) ग्रुप भी शामिल हैं। हमारे पास ठाकोर, पाटीदार, आदिवासी समुदायों के ग्रुप हैं। हम इन ग्रुपों पर संबंधित सामग्री डालते हैं।”
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गुजरात में भाजपा के साथ-साथ पहले की कांग्रेस सरकारों की “विफलताओं” को भी उजागर कर रही है।
शाह ने कहा, “लोग जानना चाहते हैं कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने उनके लिए क्या किया, और कैसे लगातार भाजपा सरकारों द्वारा कुछ भी नया नहीं किया गया।” उन्होंने बताया कि पार्टी के अधिकारियों के अलावा, 10,000-12,000 स्वयंसेवक स्थानीय स्तर पर संगठन के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।”
गुजरात में पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी डॉ सफीन हसन ने कहा कि आप के सोशल मीडिया अभियान युवा कॉलेज छात्रों और पेशेवरों वाले स्वयंसेवकों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप सोशल मीडिया अभियानों के लिए पार्टी का प्रमुख फोकस बना हुआ है।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले संगठन के पास सोशल मीडिया अभियानों को देखने के लिए 25 युवाओं की एक कोर टीम है। इसके अलावा, आप के पास लगभग 20,000 ‘सोशल मीडिया योद्धा’ हैं।
उन्होंने कहा, “हमने हजारों व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। हम अपने एजेंडे, पार्टी विजन, घोषणापत्र, गारंटी और गतिविधियों को व्हाट्सएप का उपयोग करके जमीनी स्तर पर फैला रहे हैं। हमारे पास विधानसभा क्षेत्र और गांव स्तर पर बहु-स्तरीय समूह (multi-level groups) हैं।”
हसन ने दावा किया कि आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदन गढ़वी का फेसबुक पेज गुजरात में अन्य पार्टियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
आप पदाधिकारी ने कहा, “हम बहुत सीमित संसाधनों वाली पार्टी हैं। इसलिए स्वयंसेवकों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के तरीके पर प्रशिक्षण प्रदान करके ग्राम स्तर पर स्वयंसेवकों को मजबूत किया है।”
बता दें कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो चरणों में वोट पड़ेंगे। रिजल्ट 8 दिसंबर को आएंगे।
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