अमेरिका में होटल और मोटल इस समय कारीगरों और मजदूरों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। कई ने तो आंशिक रूप से संचालन भी बंद कर दिया है। मोटल मालिक मुख्य रूप से गुजरात मूल के पटेल हैं, जिनका संयुक्त रूप से अमेरिका में 400 बिलियन डॉलर से अधिक का वार्षिक कारोबार है। बदले हालात में वे अब विजनेस के वैकल्पिक (alternate) मौकों की तलाश कर रहे हैं।
वे भारत में मोटल में निवेश के अवसरों पर नजर गड़ाए हुए हैं। एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (AAHOA) के प्रेसिडेंट नील पटेल ने बताया कि भारत में मोटल के लिए काफी संभावनाएं हैं, खासतौर पर हाईवे पर।
गुजरातियों के पास अमेरिका में 60% या लगभग 34,000 मोटल हैं। इनसे 4.2 मिलियन लोगों को रोजगार मिलता है। हालांकि, कोविड महामारी के बाद उन्हें कर्मचारियों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि अमेरिका में मोटल में वर्तमान में 90% नौकरी के अवसर हैं।
अमेरिका में होटल व्यवसायियों के पास धन है, लेकिन उम्मीद करते हैं कि गुजरात सरकार उन्हें एक रोडमैप पेश करेगी। ताकि उन्हें पता चल सके कि सर्वोत्तम रिटर्न के लिए कहां निवेश किया जाए। एसोसिएशन की मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के साथ दो बैठकें हो चुकी हैं।
रोडमैप के अलावा, AAHOA ने गुजरात से अपनी जरूरतें पूरी करने में दिलचस्पी दिखाई है, जो भारत के टेक्सटाइल हब में से एक है।
नील पटेल के मुताबिक, अमेरिका में 34,000 होटल बांग्लादेश में बने बेडशीट, तकिए का इस्तेमाल करते हैं। गुजरात एक टेक्सटाइल हब है और इन सामग्रियों के निर्यात के लिए एक बड़ा अवसर है। इसी तरह, वे चीन और वियतनाम से फर्नीचर मंगवाते हैं। अगर टेक्सटाइल और फर्नीचर को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाता है, तो अमेरिका में मोटल उन्हें भारत से खरीद सकते हैं।
इनके अलावा बुक कीपिंग, अकाउंटिंग, स्क्रीनिंग आदि जॉब भी हैं। चूंकि इनमें मोटल और होटल संचालन भी शामिल हैं, इसलिए ये अमेरिका में उतरने पर आकर्षक हो सकते हैं।
नील पटेल ने कहा, ‘भारत उन देशों की सूची में नहीं है, जिनके नागरिकों को अमेरिका ने एच2बी वीजा जारी किया है। हम भारत को शामिल करने के लिए अमेरिकी सरकार को आवेदन देंगे, ताकि भारत से और लोग अमेरिका आ सकें।
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, ‘जो लोग टैक्स चुकाते हैं, उन्हें पीआर का दर्जा मिल सकता है। हम अमेरिकी सरकार के साथ इस मुद्दे को उठा रहे हैं और जल्द ही सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के साथ एएएचओए की बैठकें गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) की एनआरजी समिति के अध्यक्ष हिमांशु व्यास ने कराईं।
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