अहमदाबाद: 750 करोड़ रुपये के दूधसागर डेयरी घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री विपुल चौधरी से पूछताछ में महाराष्ट्र के दो नेताओं से उनके कथित संबंध निकले हैं। इस वजह से वे सवालों के घेरे में आ गए हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी है।
गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक टीम ने 15 सितंबर को चौधरी को गिरफ्तार किया था, जो कभी गुजरात के गृह राज्य मंत्री हुआ करते थे। उन्हें दूधसागर डेयरी के नाम से मशहूर मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ से कथित तौर पर 750 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
यह घोटाला तब हुआ, जब चौधरी 2005 और 2016 के बीच दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष थे। उनके लिए कथित तौर पर सत्ता का दुरुपयोग किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘चौधरी, उनकी पत्नी गीता और बेटे पवन ने महाराष्ट्र में कम से कम 31 कंपनियां बनाई थीं, जिनके जरिए उन्होंने 320 करोड़ रुपये की ठगी की। इसमें उन्हें महाराष्ट्र के दो बड़े नेताओं के साथ-साथ गुजरात के डेयरी क्षेत्र के कई अन्य लोगों ने भी मदद की।” जब पुलिस वाले इन फर्मों के पते पर गए, तो उन्हें केवल आवासीय भवन मिले।
मामले में अहमदाबाद के आश्रम रोड से चौधरी के चार्टर्ड अकाउंटेंट शैलेश पारिख को भी गिरफ्तार किया गया है। गीता और पवन पर विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेजों को असली के रूप में पेश करने और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाए गए हैं। गीता के बारे में एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि वह चौधरी की गिरफ्तारी के बाद से फरार हैं। एसीबी अधिकारी ने कहा, “हमने पवन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वह इस समय अमेरिका में हैं।” एसीबी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कई सवालों के जवाब में चौधरी सिर्फ यह कहते हैं कि उन्हें कुछ भी याद नहीं है। अधिकारी ने कहा, “वित्तीय मामलों पर हर सवाल के लिए वह कहते हैं कि लेन-देन नियमित तौर पर होते थे, जो उन्हें उन्हें याद नहीं हैं। उनका कहना है कि कई लेनदेन काफी पुराने हैं, इसलिए वह उन्हें याद नहीं कर पा रहे हैं।” चौधरी 23 सितंबर तक एसीबी की हिरासत में हैं।