अहमदाबाद : पांच साल से एक प्राइमरी स्कूल में काम नहीं करने वाले विवादित सरकारी शिक्षक को तरक्की दी गई है। उन्हें गुजरात (Gujarat) शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में संसाधन व्यक्ति के रूप में तरक्की दी गई है।
राज्य शिक्षा विभाग से तरक्की पाए शिक्षक भीखा पटेल (Bhikha Patel) को पहले पाटन जिले के गढ़ा गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल में नियुक्त किया गया था। इसी साल 18 जुलाई को ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि 21 अप्रैल 2017 को प्राइमरी स्कूल (Primary School) में नियुक्त भीखा पटेल एक दिन भी स्कूल आए हैं।
पत्र में कहा गया है कि ग्राम पंचायत (Gram Panchayat ने तालुका और जिला शिक्षा अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पत्र में सीएम से पटेल के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था।
राज्य के शिक्षा विभाग ने दंडित करने के बजाय उन्हें के शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में नियुक्त कर दिया है। GCERT में नियुक्ति पाटन के जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के 16 सितंबर वाले आदेश पर हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि पटेल को जिस पद पर तबादला किया गया है, वह एक इनाम की तरह है, क्योंकि अब उनके पास बहुत अधिक शक्ति है। सूत्रों ने यह भी कहा कि चूंकि भीखा पटेल ने शिक्षक आंदोलन के दौरान समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए सरकार ने उन्हें इस पद से पुरस्कृत किया है।
सूत्रों ने बताया कि पटेल राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष हैं, जिसने पिछले शुक्रवार को सरकार के साथ समझौता किया था और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग करते हुए प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों द्वारा दिए गए सामूहिक आकस्मिक अवकाश को रद्द कर दिया था। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने इस वजह से पटेल को इनाम देने का फैसला किया है।
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