केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया 5-7 मई तक गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे। इसमें कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई और केंद्र की पहल- “हील बाय इंडिया एंड हील इन इंडिया”- पर विस्तृत चर्चा होगी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक प्रमुख फोकस रहा है।
इससे जुड़े सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इस बात का समग्र अध्ययन किया गया है कि कैसे कुछ राज्य कोविड को नियंत्रण में रखने में सक्षम रहे। यह भी कि वे टीकाकरण अभियान को कैसे बढ़ावा देने में कामयाब रहे। सूत्रों ने कहा, “सम्मेलन का पूरा उद्देश्य कामयाबी के इन अनुभवों को अन्य राज्यों के साथ साझा करना है, जो सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।”
सूत्रों ने बताया कि हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महामारी से निपटने के अपने अनुभवों पर तीन मिनट की प्रस्तुति देंगे। इसके बाद विभिन्न स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा एक संक्षिप्त संबोधन होगा। एक अन्य प्रमुख लक्ष्य राज्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करने के लिए राजी करना होगा। इसलिए कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित बजट का अक्सर कम उपयोग हो पाता है।
सम्मेलन के एजेंडे में स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश आकर्षित करने पर जोर देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में ‘हील बाय इंडिया’ अभियान महत्वपूर्ण होगा।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 20 अप्रैल को गुजरात में गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयुष निवेश शिखर सम्मेलन में पारंपरिक दवाओं और कल्याण उत्पादों की विशाल संभावनाओं के बारे में बात की थी। शिखर सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निदेशक डॉ. टेड्रोस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने भी भाग लिया था।
“आयुष” को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने यह भी घोषणा की है कि वे उन लोगों के लिए वीजा की एक अलग श्रेणी जारी करेगा जो चिकित्सा कारणों से भारत की यात्रा करना चाहते हैं और आयुष सुविधाओं का लाभ उठाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में कहा था, “आयुष में निवेश और नवाचार की संभावनाएं असीमित हैं, क्योंकि भारत ने आयुष दवाओं, पूरक और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है।”
वैसे 5मई से शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए स्थान का चुनाव भी दिलचस्प है, क्योंकि गुजरात में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और मनसुख मंडाविया इसी राज्य से हैं।