अहमदाबाद: सोने के रिकॉर्ड महंगे होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी रीसाइक्लिंग यानी पुराने को नया बनाने में काफी वृद्धि हुई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, पूरे भारत में सोने की रीसाइक्लिंग की मात्रा अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक 53% बढ़कर 30.5 मीट्रिक टन (MT) हो गई। जबकि 2021 की इसी अवधि में यह 20.3MT थी।
यह ट्रेंड गुजरात में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गुजरात ने सोने की उच्च खपत दर्ज की है। WGC के अनुमान के अनुसार, 2022 में 97.6MT सोने की रीसाइक्लिंग की गई थी। जौहरियों और बुलियन व्यापारियों ने पुष्टि की कि गुजरात रीसाइक्लिंग का लगभग 20% हिस्सा है और इसलिए लगभग 20MT सोने की यहां भी रीसाइक्लिंग हुई। यह सालभर में गुजरात में आयात किए गए सोने का 46% होता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत के क्षेत्रीय सीईओ सोमसुंदरम पीआर ने कहा, “2022 की चौथी तिमाही में भारत ने भी रीसाइक्लिंग में तेज वृद्धि दर्ज की है। वॉल्यूम में यह उछाल मुख्य रूप से रुपये में सोने की कीमत में वृद्धि के कारण है, जो कि 2022 में तिमाही-दर-तिमाही 3% बढ़ा था। तब, जब 2021 में उसने 77.5 टन खरीदा था। ज्वैलर्स के मुताबिक, कम से कम 50 फीसदी ट्रांजैक्शन पुराने सोने को एक्सचेंज करके होता है।
अहमदाबाद ज्वेलर्स एसोसिएशन (जेएए) के सदस्य मनोज सोनी ने समझाते हुए कहा, “मुहूर्त खरीदारी और शादी के सीजन के कारण अक्टूबर से सोने की मांग काफी अधिक थी। हालांकि, पिछले तीन से चार महीनों में सोने की कीमत में भारी वृद्धि हुई है, लोगों का बजट उलट गया है। इसके कारण सोने की रीसाइक्लिंग में वृद्धि हुई है।”
सोनी ने कहा, “शादियों के दौरान लोग अक्सर आभूषण खरीदने के लिए निश्चित बजट के साथ आते हैं, लेकिन सोने की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण कई लोग पुराने आभूषणों का ही आदान-प्रदान (exchanged) करते हैं। यानी पुराना देकर नया लेते हैं। कई अन्य लोगों ने भी शादी की खरीदारी की भरपाई के लिए पहले खरीदे गए बार और सिक्कों का आदान-प्रदान (exchanged किया। ”
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