वायव्रेंट गुजरात के करदाताओं ने वित्तीय वर्ष 2021 -2022 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 18 प्रतिशत अधिक आयकर भर कर संकेत दिया कि गुजरात प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2022 -23 में गुजरात के करदाताओं ने 83,318 करोड़ रुपया प्रत्यक्ष कर चुकाया है जबकि वित्तीय वर्ष 2021 -2022 में 70 ,765 करोड़ आयकर जमा कराया गया था।
राष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय वर्ष 2022 -23 में आयकर संग्रहण 16 . 61 लाख करोड़ रुपये हुआ जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 14 . 12 लाख करोड़ ज्यादा है। लेकिन यह राजस्व संग्रह सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेस ( C B D T ) की अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। सीबीडीटी ने शुरू में इस क्षेत्र को 84,800 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था, लेकिन बाद में इस कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में इसे संशोधित कर 82,600 करोड़ रुपये कर दिया था।
गुजरात में टीडीएस संग्रह 2022-23 में 40,245 करोड़ रुपये जमा कराया गया जो की वर्ष 2021-22 में 31,145 करोड़ रुपये, 2020-21 में 23,325 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 140 करोड़ रु. था ,जो कि लगातार उछाल के तौर पर दिख रहा है। कोरोना काल का असर टीडीएस संग्रह पर भी पड़ा है।
टीडीएस की तरह एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी काफी इजाफा हुआ है। यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के 38,260 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 44,672 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अग्रिम कर संग्रह 27,450 करोड़ रुपये था। वर्ष 2022-23 में कॉरपोरेट टैक्स 27,263 करोड़ रुपये और पर्सनल टैक्स कलेक्शन 20,000 करोड़ रुपये रहा है।
स्व-मूल्यांकन के साथ व्यक्तिगत कर रिटर्न में वित्त वर्ष 2022-23 में 10,100 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 8,650 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020-21 में 6,830 करोड़ रुपये थी। जबकि नियमित मूल्यांकन, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2,600 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2021-22 में 2,150 करोड़ रुपये हो गया, वित्त वर्ष 2022-23 में फिर से बढ़कर 2,600 करोड़ रुपये हो गया।
2021-22 के लिए गुजरात में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह रु 80,941 करोड़ रुपये के मुकाबले यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 98,723 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। राज्य ने इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में रु. 60,760 करोड़ का कुल राजस्व दर्ज किया गया।
आयकर विभाग ने 2022-23 के अंत में 15,400 करोड़ रूपया रिफंड के तौर पर चुकाया है जबकि 2020-21 में यह आकड़ा 1 4,780 करोड़ रुपये और 2021-22 में 10,150 करोड़ रुपये था।
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