राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) पीएसी ने राज्य में ब्लड बैंकों (blood banks) की कमी को लेकर सरकार की खिंचाई की और सिफारिश की कि सभी जिलों में ब्लड बैंक (blood banks) होने चाहिए।
बुधवार को विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में PAC ने पाया कि राज्य के 26 जिलों में से आठ (31 फीसदी) में blood banks नहीं हैं. 224 तालुकों में से 194 (87%) में ब्लड बैंक नहीं हैं। PAC ने यह भी कहा कि राज्य के 126 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में से 83 में रक्त जमा करने की सुविधा नहीं है। समिति ने कहा कि राष्ट्रीय रक्त नीति (National Blood Policy) एनबीपी के अनुसार, सभी सीएचसी में रक्त जमा करने की सुविधा होनी चाहिए ताकि लोगों को रक्त और उसके घटक आसानी से उपलब्ध हो सकें।
समिति ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2014 तक 11 सरकारी, 34 धर्मार्थ और नौ निजी ब्लड बैंकों के लाइसेंस सरकार द्वारा नवीनीकृत नहीं किए गए थे, लेकिन वे अभी भी काम कर रहे थे।
पीएसी (PAC) की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (state health and family welfare) ने इस साल जुलाई में अपने सवालों के लिखित जवाब सौंपे थे। विभाग ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़ा एक ब्लड बैंक है और राज्य में कुल 175 ब्लड बैंक हैं। “विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तापी, नवसारी, नर्मदा और दाहोद जिलों, जिनमें आदिवासी आबादी काफी है, में कोई सरकारी ब्लड बैंक नहीं है, लेकिन रेड क्रॉस इन जिलों में ब्लड बैंक संचालित कर रहा है। समिति सोचती है कि सरकार के लिए सभी जिलों में जल्द से जल्द ब्लड बैंक (blood banks) स्थापित करना आवश्यक है,” रिपोर्ट में कहा गया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकार ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 45 ब्लड बैंकों का निरीक्षण किया गया था।
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