गुजरात में छुट्टा पशुओं (stray animals) के मुद्दे पर गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कड़ा रुख अपनाया है और राज्य सरकार को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है। बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया और कहा, “शाम तक तत्काल कार्रवाई करें, किसी भी नागरिक की छुट्टा पशुओं के कारण जान नहीं जानी चाहिए।”
गुजरात के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बहुत से लोग गुस्सैल आवारा जानवरों के शिकार हो गए। राज्य में आवारा पशुओं के कारण लोगों के घायल होने की कई घटनाएं मौजूद हैं, और राज्य में हताहतों के भी कुछ मामले देखे गए हैं। 13 अगस्त को तिरंगा यात्रा के दौरान गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल (Gujarat deputy Chief Minister Nitin Patel) को एक दौड़ती हुई गाय ने घायल कर दिया था।
इस प्रकार, आवारा पशुओं के कारण होने वाले हादसों के बढ़ते मामलों के कारण राज्य उच्च न्यायालय को एक कड़ा कदम उठाना पड़ा। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को शाम तक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसने सरकार को यह भी चेतावनी दी है कि कार्रवाई की कमी के चलते पीठ द्वारा सख्त आदेश दिया जा सकता है।
हालांकि, आदेश का मतलब यह नहीं है कि राज्य सरकार ने इस दिशा में पहले कोई कदम नहीं उठाया। 18 अगस्त को, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शहरी विकास सचिव, आईएएस मुकेश कुमार को गुजरात में मवेशी खतरे के मुद्दे के समाधान करने का निर्देश दिया। सीएम पटेल ने अधिकारियों को सड़कों से आवारा पशुओं को हटाकर चैरिटेबल ट्रस्ट में भेजने के निर्देश दिए थे।