ऑप्टिकल फाइबर’ और ‘मोबाइल टावर की स्थापना की अनुमति के लिए राज्य के सभी प्रशासनिक विभागों की एक एकीकृत नीति तैयार की गई है । डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक और ठोस कदम उठाया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक और ठोस कदम उठाया गया है। राज्य के सभी प्रशासनिक विभागों की एक एकीकृत नीति “टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी-2022 ” घोषित की गई है, जिसमें ‘ऑप्टिकल फाइबर’ और ‘मोबाइल टावर’ की स्थापना की अनुमति दी गई है। यह दूरसंचार अवसंरचना नीति अब भूमिगत टेलीग्राफ अवसंरचना और ओवरग्राउंड टेलीग्राफ अवसंरचना के लिए एकल खिड़की निकासी पैटर्न की स्थापना की अनुमति देगी।
गुजरात ने बनायीं नयी संचार नीति
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में “राईट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नीति” घोषित की गई थी, जिसमें राज्य में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और दूरसंचार टावर स्थापित करने की आवश्यकता को देखते हुए एक मजबूत जानकारी का निर्माण किया गया था। और पर्याप्त बैंडविड्थ के साथ संचार प्रौद्योगिकी अवसंरचना। यह नई आरओडब्ल्यू नीति गुजरात राज्य में भी इस नीति की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
गुजरात में, विभिन्न प्रशासनिक विभागों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में भूमिगत बुनियादी ढांचे (ऑप्टिकल फाइबर) और ओवरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर (मोबाइल टावर) स्थापित करने के लिए विभिन्न नीतियों को लागू किया गया था। लेकिन राज्य भर में अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर (ऑप्टिकल फाइबर) और ओवरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर (मोबाइल टावर) स्थापित करने के लिए कोई एकीकृत नीति नहीं थी।
मंजूरी के लिए 90 दिनों की समय सीमा
किसी राज्य की आर्थिक समृद्धि काफी हद तक उसकी सड़कों और परिवहन की सुगमता के साथ-साथ सरकार की औद्योगिक नीतियों पर निर्भर करती है। इसी तरह आज के आधुनिक युग में डिजिटल लेनदेन की गति भी बहुत महत्वपूर्ण हो गई है।
नई ‘रो’ नीति के तहत टेलीग्राफ इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसकी मंजूरी के लिए 90 दिनों की समय सीमा तय की गई है। जिन विभिन्न विभागों की अब तक इस स्वीकृति के लिए अपनी अलग नीति थी, उन पर अब आम सहमति बन जाएगी।
बैंडविड्थ की सुगमता में वृद्धि के परिणामस्वरूप राज्य विश्व स्तर का हो जाएगा
राज्य सरकार की नई आरओडब्ल्यू नीति के लागू होने से इंटरनेट के माध्यम से ई-लेन-देन और बैंडविड्थ की सुगमता में वृद्धि के परिणामस्वरूप राज्य विश्व स्तर का हो जाएगा। राज्य के सभी प्रशासनिक विभागों की एकीकृत नीति होने से लाभार्थी एक ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई कर सकेंगे और “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” की दिशा में राज्य की एक नई पहल लिखी जाएगी। इससे प्रशासन में पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही साथ ही प्रशासनिक प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। इतना ही नहीं, इस नीति से राज्य में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू आईटी क्षेत्र का निवेश बढ़ेगा। इससे अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी बढ़ेगा और राज्य की जीडीपी को भी फायदा होगा।
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