गांधीनगर : जय जवान के नारों के बीच विभिन्न मांगों को लेकर पिछले गुजरात सरकार के खिलाफ जारी आंदोलन में मिले पदकों को वापस करने के लिए पूर्व सैनिक ( ex soldier) अब कार्रवाई कर रहे हैं. आज एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल Governor को पत्र लिखकर बैठक के लिए समय मांगा है।
गुजरात सरकार के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी (Harsh Sanghvi, Minister of State for Home Affairs, Government of Gujarat )से दो बार पूर्व सैनिकों के मिलने के बाद भी पूर्व सैनिकों की मांगों का समाधान नहीं हो सका. पूर्व सैनिकों ने तब गांधीनगर की ओर मार्च करने की रणनीति बनाई और पुलिस से भिड़ गए, जिसमें एक पूर्व सैनिक कांजीभाई मोठलिया की हृदयघात से मौत हो गयी (Ex-soldier Kanjibhai Mothlia died of heart attack.)।
इस घटना के मद्देनजर पूर्व सैनिकों ने गांधीनगर सिविल अस्पताल (Gandhinagar Civil Hospital )में उनके शव को स्वीकार नहीं करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन जैसे तैसे प्रशासन से मान मनुहार के बाद परिवार शव को घर ले गया, पूर्व सैनिकों के संघ ने गांधीनगर सचिवालय में धरना दिया. पूर्व सैनिक संगठन ने गांधीनगर विधानसभा (Gandhinagar Assembly )गेट नंबर एक के बाहर फुटपाथ पर धरना शुरू कर दिया था. उसके बाद पूर्व सैनिक संघ द्वारा गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के साथ बैठक की गई और इस दौरान भी चर्चा समाप्त होने पर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ और भूतपूर्व सैनिक धरने पर फिर बैठ गए .
पूर्व सैनिकों द्वारा रविवार को गुजरात राज्य के राज्यपाल को सरकार द्वारा उन्हें दिए गए सेवा पदकों की वापसी के संबंध में एक पत्र लिखा गया। राज्यपाल से पदक वापसी के लिए पूर्व सैनिक संघ की ओर से पत्र लिखकर समय मांगा गया है।
गुजरात में पूर्व सैनिक पिछले 6 दिनों से धरने पर हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे अपना धरना जारी रखेंगे।
गुजरात में लगभग 50,000 पूर्व सैनिक रहते हैं और उन्होंने अपनी शिकायतों के अनुसार अपनी 14 मांगों को सरकार के सामने रखा है। लेकिन उनकी मांग का समाधान नहीं हुआ हैं।
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