लिटिकल वॉचडॉग एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने गुरुवार को गुजरात चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का विश्लेषण किया और रिपोर्ट में आगामी चुनावों के इस चरण -1 में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि बताई गई है। गुजरात की राजनीति में नए प्रवेशी आम आदमी पार्टी ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सबसे अधिक (36%) उम्मीदवारों को नामांकित किया है। इसके विपरीत, बीजेपी द्वारा नामित ऐसे उम्मीदवारों की संख्या में कमी आई है यानी 2017 में 67% और 2022 में 29% उम्मीदवार। इस बीच, कांग्रेस आपराधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारने में लगभग 36% पर स्थिर है।
आपराधिक मामलों वाले दलवार उम्मीदवार
प्रमुख दलों में, AAP के 88 उम्मीदवारों में से 32 (36%), कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों में से 31 (35%), बीजेपी के 89 उम्मीदवारों में से 14 (16%) और 4 (29%) ने विश्लेषण किया। भारतीय ट्राइबल पार्टी से विश्लेषण किए गए 14 उम्मीदवारों में से 14 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भाग लेने वाले प्रत्याशियों में 21 प्रतिशत यानि 167 आपराधिक छवि वाले हैं ,जिनमे से 100 पर यानि 13 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है। पहले चरण की 89 सीटों के लिए 788 उम्मीद्वार भाग्य आजमा रहे हैं। 2017 में पहले चरण में खड़े हुए 923 उम्मीदवारों में से 137 उम्मीदवारों (15 फीसदी) का आपराधिक इतिहास था. गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीद्वार 2017 में 8 प्रतिशत थे।
आपराधिक छवि के लोगों को प्रत्याशी बनाने के मामले में राजनीति बदलने आयी आम आदमी पार्टी सबसे आगे है। आप ने 88 में 32 यानि 36 प्रतिशत दागदार प्रत्याशियों को चुना है जिसमे 30 प्रतिशत प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। कांग्रेस के 89 में से 31 ( 35 प्रतिशत ) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि भाजपा के 89 प्रत्याशियों में से 14 प्रत्याशियों (16 प्रतिशत) ने आपरधिक रिकार्ड का खुलासा अपने शपथ पत्र में दिया है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स तथा गुजरात इलेक्शन वाच द्वारा प्रत्याशियों के शपथ पत्र के अध्ययन के मुताबिक बीटीपी के 14 प्रत्याशियों में से 4 प्रत्याशियों (29 प्रतिशत) ने प्रत्याशियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है।
जबकि 2017 में आपराधिक छवि वाले बीटीपी के 67 प्रतिशत प्रत्याशी थे। आपराधिक छवि के प्रत्याशियों को टिकट देने के मामले में भाजपा ने 9 प्रतिशत का सुधर किया है। कुल 9 प्रत्याशियों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले दर्ज हैं। 3 उम्मीदवारों पर आईपीसी -302 के तहत हत्या का मामला दर्ज है। जबकि 12 उम्मीदवारों पर आईपीसी 307 के तहत हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है।
पार्टी वार करोड़पति उम्मीदवार
हमारे चुनावों में धनबल की भूमिका इस बात से स्पष्ट हो जाती है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल धनवान प्रत्याशियों को टिकट देते हैं। प्रमुख दलों में भाजपा के 89 उम्मीदवारों में से 79 (89%), कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों में से 65 (73%) और आप के 88 उम्मीदवारों में से 33 (38%) ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की घोषणा की है।
उम्मीदवारों का शिक्षा विवरण
राजनीति एक ऐसा क्षेत्र प्रतीत होता है जहां शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। इस बार, 492 (62%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि 185 (23%) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता होने की घोषणा की है। 21 अभ्यर्थी डिप्लोमा धारक हैं। 53 उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर और 37 उम्मीदवारों ने खुद को निरक्षर बताया है।
उम्मीदवारों का आयु विवरण
आगामी चुनावों में 277 (35%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है जबकि 431 (55%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। 79 (10%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है और 1 उम्मीदवार ने घोषित किया है कि उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है।
उम्मीदवारों का लिंग विवरण
राजनीति में लैंगिक विभाजन खराब है। इस बार, गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में 69 (9%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव चरण 1 में, विश्लेषण किए गए 923 उम्मीदवारों में से 57 (6%) महिलाएं थीं।