गुजरात विधानसभा चुनाव -2022 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत और कांग्रेस की शर्मनाक हार के साथ ही आम आम आदमी पार्टी की प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज हुयी है। गुजरात की विधानसभा में सत्ताधारी दल भाजपा के पास 156 सदस्य हैं जबकि जनादेश के मुताबिक कांग्रेस के पास महज 17 विधायक हैं। तकनीकी तौर पर कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष के अधिकार पर भी संकट के बादल है। 15वीं विधानसभा में आंदोलनकारियों की आवाज से गूंजेगी। सत्ता और विपक्ष दोनों में आंदोलनकारी जीत कर गए है।
हार्दिक पटेल
गुजरात के पाटीदार आंदोलन से चमके हार्दिक पटेल ने इस चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के टिकट पर अहमदाबाद की वीरमगाम विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए है। पटेल गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व पर आरोपों की बौछार करते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे। विधानसभा चुनाव के परिणाम उनको दल बदल के अपने निर्णय को सहारने का पर्याप्त मौका दे रहा है। 49. 64 प्रतिशत वोट के साथ उन्हें 99155 मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है। जबकि आम आदमी पार्टी यंहा दूसरे नंबर पर थी। आप के अमर सिंह ठाकोर को 23. 75 प्रतिशत यानि 47448 मत हासिल हुए। जबकि कांग्रेस के वर्तमान विधायक लाखाभाई भरवाड बुरी तरह से पराजित हुए। भरवाड़ को 21.39 प्रतिशत मत हासिल हुए। 42724 मत के साथ लाखा भरवाड तीसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस में उनकी टिकट का विरोध हुआ था फिर भी पार्टी ने उनपर भरोसा जताया था। जो पूरी तरह से विफल साबित हुआ। हार्दिक को कैबिनेट में सीट मिलने की संभावना है।
अल्पेश ठाकोर
पाटीदार आंदोलन की प्रतिक्रिया में ओबीसी आंदोलन शुरू हुआ था। अल्पेश 2017 में कांग्रेस से विधायक चुने गए लेकिन बाद में वह इस्तीफ़ा देकर भाजपा में शामिल हो गए। उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर वह हार गए। हार्दिक पटेल की तरह अल्पेश ठाकोर भी गांधीनगर दक्षिण से चुनाव 134051 मत हासिल कर विधायक बनने में सफल रहे।उनके सामने कांग्रेस के हिमांशु पटेल को 90987 हासिल हुए। गांधीनगर दक्षिण में अल्पेश के विरोध की खबरों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का उन्हें फायदा मिला। इस युवा ठाकोर नेता को 54.59 प्रतिशत मत हांसिल हुए। आम आदमी पार्टी यंहा पर तीसरे नंबर पर रही। आम आदमी पार्टी के दौलत पटेल को 11195 मत मिले।
जिग्नेश मेवाणी
गुजरात में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट पर बीजेपी के मणिभाई वाघेला 4928 को 4928 मतों से पराजित करने में सफल रहे। एक समय जिग्नेश के हारने की खबर फ़्लैश होने के बाद जिग्नेश में समर्थको के बीच वाइस मैसेज भेजकर सन्देश दिया कि अभी मतगणना बाकी है और वह आगे चल रहे हैं। वडगाम में आम आदमी पार्टी के दलपत भाटिया को 4493 मत मिले।
दिलचस्प बात ये है कि मेवाणी ने पिछले चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन मेवाणी की वो जीत एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में थी. और इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस के वह अकेले कार्यकारी अध्यक्ष हैं उन्होंने जीत हासिल की हैं। दलित नेता मेवाणी को 48 प्रतिशत मत हासिल हुए।
यहां ये भी याद रखने की ज़रूरत है कि पिछले चुनाव से पहले जिग्नेश मेवानी दलित आंदोलन को लेकर चर्चाओं में थे. मेवाणी उस आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे थे.
लेकिन इस बार वह एक नेता के रूप में इस चुनाव में उतरे थे। असम पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जिग्नेश चर्चा में आये थे। विधानसभा में सदस्य के तौर पर उनका रिकॉर्ड शानदार था।
अनंत पटेल
पार नर्मदा आंदोलन से चर्चा में आये आदिवासी नेता अनंत पटेल दक्षिण गुजरात में कांग्रेस की सांकेतिक उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहे। कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी भी अनंत के लिए प्रचार करने आये थे। उन्हें 124477 मत हासिल हुए जबकि भाजपा के प्रत्याशी पीयूष पटेल को 89444 मत मिले। दक्षिण गुजरात में यह एक मात्र आदिवासी सीट मिली है। अनंत दूसरी बार विधायक बने हैं। नवसारी जिले की इस आदिवासी सीट में हिंसक चुनाव हुए थे। आम आदमी पार्टी के पंकज पटेल को 16178 मत मिले।
चेतर वसावा
दक्षिण गुजरात के आदिवासी युवाओ के बीच लोकप्रिय चेतर वसावा ने आम आदमी पार्टी का दक्षिण गुजरात से प्रवेश करा दिया है। बीटीपी और भीलीस्थान आंदोलन से जुड़े वसावा ने छोटू वसावा का साथ छोड़कर आप का दामन लिया था। बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा 2017 में डेडियापाडा से चुनाव जीते थे लेकिन चेतर की लोकप्रियता के कारण उन्होंने इस बार खुद को डेडियापाडा के जंग से बाहर कर लिया था। 40282 मतों से वसावा ने भाजपा के हितेश वसावा को पराजित किया। कांग्रेस की जेरमा बेन वसावा 12587 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही
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