भले ही भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) गुजरात में आराम से बैठी है, लेकिन वह लगातार सातवीं बार जीत के लिए तैयार हैं, इसलिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly elections) उसी जोश के साथ लड़ रही है, जब वह 1995 से पहले विपक्ष में थी।
गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कड़ी टक्कर दे रही है।
गुजरात (Gujarat) में 182 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें बीजेपी (BJP) 111 सीटों पर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) 66 सीटों पर और भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bharatiya Tribal Party) 2 सीटों पर है। हालांकि, बीजेपी बड़ी जीत हासिल करना चाहती है और इसलिए बीजेपी शासित राज्यों के सभी केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री गुजरात में जोरदार प्रचार करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री 29 सितंबर से 31 अक्टूबर तक विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों (constituencies) का दौरा करेंगे और विभिन्न समुदायों से मुलाकात करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister of Health and Family Welfare Mansukh Mandaviya) को इस कार्य का नेतृत्व और इसे पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चुनाव की रणनीति
भाजपा गुजरात के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला (Pradipsinh Vaghela) ने इस फैसले के बारे में सभी भाजपा पदाधिकारियों को एक अधिसूचना भेजी थी। चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्रियों को एक दिन में दो विधानसभा सीटों का दौरा करना होगा। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं को रोड शो और रैलियां करनी होंगी।
भाजपा के मंत्रियों को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पटेल, क्षत्रिय, ब्राह्मण, लोहाना और अन्य जैसे समुदायों के साथ सभा और बातचीत करने के लिए कहा गया है। समुदायों के नेताओं के साथ चाय पे चर्चा का आयोजन करने का कार्य मंत्रियों को सौंपा गया है।
न केवल विभिन्न समुदायों, मंत्रियों को बल्कि विभिन्न धार्मिक नेताओं और उनके पूजा स्थलों को उचित महत्व देने का निर्देश दिया गया है। धार्मिक गुरुओं (religious gurus) के साथ आमने-सामने की बैठकें और सम्मान देने के लिए मंदिरों में जाने का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
सूरत से केंद्रीय कपड़ा मंत्री दर्शन जरदोश (Union Minister of Textile Darshana Jardosh) , संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान (Devusinh Chauhan) और मत्स्य पालन विभाग के राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) भी चुनाव प्रचार के लिए काम करेंगे।
गुजरात चुनाव (Gujarat elections) के लिए काम शुरू करने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) ने 27 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) और राज्य भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल (State BJP Chief CR Paatil) के साथ बैठक की। बंद कमरे में बैठक भाजपा मुख्यालय (BJP headquarters), कमलम गांधीनगर में हुई।
शीर्ष सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री ने गांधीनगर में चल रहे विभिन्न आंदोलनों पर चर्चा की। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से बूथ व पेज कमेटी को मजबूत करने को भी कहा। बैठक में उम्मीदवारों के चयन और पार्टी नेताओं के बीच कुछ विवादों पर भी चर्चा हुई।
कमलम की बैठक यह भी तय करने के लिए थी कि जनता तक पहुंचने के दौरान भाजपा को संदेश और संचार की रेखा का पालन करना चाहिए। रोड शो, चुनाव संबंधी कार्यक्रम, और मतदाताओं के विभिन्न वर्गों-वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, पहली बार के मतदाताओं आदि को आकर्षित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का भी निर्णय लिया गया।
अगुवाई के लिए मनसुख मंडाविया ही क्यों?
डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr. Mansukh Mandaviya) ने 7 जुलाई, 2021 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। लोगों की सेवा में पूरी लगन के साथ, वह जमीनी स्तर से कई क्रम के माध्यम से ऊपर उठे हैं। एक युवा नेता से एक राज्य-स्तरीय प्रतिनिधि से एक राज्य मंत्री और अब एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में एक चुनौतीपूर्ण यात्रा का सफर तय करना, राष्ट्र की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता और उनके विभिन्न प्रयासों से स्पष्ट होता है।
मंडाविया का जन्म भावनगर जिले (Bhavnagar district) के हनोल नामक गाँव में हुआ था। वह एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने सामुदायिक विकास में ग्रामीण स्कूलों की भूमिका पर पीएचडी की। स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, उन्होंने देश की वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाने और COVID-19 टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह स्विट्जरलैंड, जॉर्डन, यूएई आदि सहित 55 से अधिक देशों में विभिन्न द्विपक्षीय यात्राओं और प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मंडाविया को इसलिए चुना गया क्योंकि वह स्वयं प्रचार नहीं चाहते और प्रतिबद्धता के साथ काम करते हैं। परफेक्शन के प्रति उनका रुझान उनके दशकों के करियर में झलकता है। उन्हें यूरिया और अन्य उर्वरकों की लागत को कम करने में मदद करने का श्रेय दिया गया है, 1,450+ से अधिक दवाएं और 200 से अधिक सर्जिकल आइटम प्रदान करने के लिए उन्होंने 8000 से अधिक जन औषधि स्टोर (Jan Aushadhi stores) की स्थापना की और सस्ती दरों पर चिकित्सा उपकरण और heart stents और घुटने के प्रत्यारोपण की लागत को कम करने का काम किया।