उतरायण त्योहार से पहले गुजरात में अधिकारियों ने सख्त कदम उठाते हुए 609 प्राथमिकी दर्ज की हैं और 612 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई नायलॉन धागों, लालटेन और कांच-लेपित डोरियों जैसी प्रतिबंधित सामग्रियों के निर्माण, भंडारण और बिक्री के मामलों में की गई है, जिसकी जानकारी राज्य सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय को दी।
गृह विभाग ने एक जनहित याचिका (PIL) के जवाब में दाखिल हलफनामे में इन प्रतिबंधित सामग्रियों के उपयोग पर की गई कार्रवाई का विवरण दिया। यह याचिका त्योहार के दौरान नायलॉन धागों (जिसे चीनी मांजा भी कहा जाता है) और अन्य खतरनाक सामग्रियों पर रोक लगाने की मांग करती है।
हलफनामे के अनुसार, 9 जनवरी से 12 जनवरी के बीच पुलिस ने 99 निर्माताओं, 50 भंडारकों और 404 विक्रेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए और ₹23.75 लाख मूल्य की प्रतिबंधित सामग्रियां जब्त कीं।
जन जागरूकता और सख्ती के उपाय
24 दिसंबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने चीनी लालटेन, नायलॉन, प्लास्टिक के धागों और कांच-लेपित व अन्य खतरनाक सामग्रियों के निर्माण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इस कदम का उद्देश्य त्योहार के दौरान इन सामग्रियों से होने वाली चोटों और दुर्घटनाओं को रोकना है।
10 जनवरी से, उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए, गुजरात पुलिस और अन्य अधिकारियों ने जागरूकता अभियानों को तेज कर दिया। प्रतिबंधित सामग्रियों के उपयोग के खिलाफ ऑडियो-विज़ुअल संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रसारित किए गए, जबकि प्रिंट मीडिया में 11 जनवरी से संदेश प्रकाशित किए गए। पुलिस ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा और भावनगर जैसे शहरों में प्रमुख बाजारों में छापेमारी की।
“शहरी क्षेत्रों में दिन में कई बार निरीक्षण किए गए,” हलफनामे में बताया गया, जिसमें प्रतिबंधित सामग्रियों की आपूर्ति और उपयोग को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
उच्च न्यायालय का निर्देश
10 जनवरी के आदेश में मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने राज्य सरकार को प्रतिबंधित सामग्रियों के निर्माताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने अधिकारियों को समय पर छापेमारी करने और याचिकाकर्ताओं से परामर्श कर इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया।
2017 में दायर PIL के याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता निमिष कपाड़िया ने बताया कि अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सितंबर के लिए निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता ने चिंता व्यक्त की थी कि विज्ञापनों में सभी प्रतिबंधित सामग्रियों का उल्लेख नहीं किया गया था, जिससे जनता को भ्रम हो सकता है। अदालत ने नोट किया कि सार्वजनिक सूचनाओं में केवल “चीनी डोरी” का उल्लेख किया गया था, जिससे प्रतिबंध का सही संदेश नहीं पहुंचा। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि विज्ञापनों और होर्डिंग्स को अपडेट कर दिसंबर 24, 2024 की सरकारी अधिसूचना में सूचीबद्ध सभी प्रतिबंधित सामग्रियों के नाम शामिल किए जाएं।
उतरायण का महत्व
मकर संक्रांति के पर्व को गुजरात में उतरायण के रूप में मनाया जाता है, जिसमें पतंगबाजी की परंपरा प्रमुख है। हालांकि, नायलॉन और कांच-लेपित डोरियों जैसी खतरनाक सामग्रियों का उपयोग मानव और पशु दोनों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है। हाल की कार्रवाई त्योहार को सभी के लिए सुरक्षित और आनंदमय बनाने के सरकार के प्रयास को दर्शाती है।
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