- फिक्स्ड कैपिटल 2012-13 में 14.96 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 20.59 प्रतिशत हुआ
बीते कुछ सालों में देश के सभी राज्यों के बीच औद्योगिक निवेश को हासिल करने में एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार हुआ है। राज्यों के बीच चल रही इस सकारात्मक प्रतिस्पर्धा में भी गुजरात ने बाजी मार ली है। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा जारी एन्युल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज़ में यह जानकारी सामने आई है कि गुजरात में फिक्स्ड कैपिटल 2012-13 में 14.96 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 20.59 प्रतिशत हो गया है, जो कि देश में सबसे अधिक है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी समयावधि में देश के बड़े इंडस्ट्री स्टेट महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे अन्य शीर्ष औद्योगिक राज्यों की निश्चित पूंजी हिस्सेदारी में कमी आई है।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गुजरात में किसी भी अन्य भारतीय राज्य की तुलना में अधिक मशीनरी, उपकरण, भवन और अन्य कारखाने की संपत्ति है और यह अंतर बढ़ता निरंतर बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य सरकार अपनी औद्योगिक नीति में दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं आगे और अधिक एग्रेसिव दिखाई पड़ती है।
यह रिपोर्ट साल 2019-20 से पहले के हमारे प्रयासों को दिखाती है
केन्द्र की इस रिपोर्ट में गुजरात की इस उपलब्धि के संदर्भ बात करते हुए उद्योग आयुक्त श्री राहुल गुप्ता, IAS, ने बताया कि, ‘‘यह रिपोर्ट साल 2019-20 से पहले के हमारे प्रयासों को दिखाती है। यह प्रमाणित करती है कि कैसे हमने साल दर साल गुजरात को देश का इंडस्ट्रियल सेन्टर बनाने की दिशा में काम किया है। गुजरात की इस उपलब्धि का श्रेय राज्य सरकर के नेतृत्व को जाता है। हमें विश्वास है कि आगामी दो वर्षों की रिपोर्ट्स में भी गुजरात इन श्रेणियों बेहतर प्रदर्शन करेगा, क्योंकि पिछले दो सालों में हमने न केवल देश में सबसे अधिक निवेश हासिल किया है बल्कि ज़मीन पर भी गुजरात के इंडस्ट्रियल सेक्टर ने काफी विकास किया है।’’
इन्वेस्टेड कैपिटल और प्रोडक्टिव कैपिटल में भी गुजरात देश में सबसे आगे
केन्द्र सरकार की इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि वर्ष 2019-20 के अनुसार 74,847,391 लाख रुपए फिक्स्ड कैपिटल के साथ-साथ गुजरात इन्वेस्टेड कैपिटल (96,156,760 लाख रुपए), और प्रोडक्टिव कैपिटल (85,884,037 लाख रुपए) में भी देश में सबसे आगे है। उत्पादक पूंजी में कच्चे माल, अर्ध-तैयार माल, नकदी और जैसी संपत्तियों को शामिल किया जाता है। उत्पादक पूंजी में गुजरात की हिस्सेदारी 2012-13 के 15.1 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 19 प्रतिशत हो गई है। इन श्रेणियों में गुजरात के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है और वहीं, तमिलनाडु तीसरे, कर्नाटक चौथे और उत्तर प्रदेश पाँचवे स्थान पर है।
औद्योगिक राज्यों के लिए कारखानों से उत्पादन के मूल्य के हिस्से में अधिक बदलाव नहीं देखने को मिला है। इस रिपोर्ट के अनुसार गुजरात ने कुल उत्पादन में 18.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ शीर्ष स्थान बनाए रखा। महाराष्ट्र ने कुल उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी 2012-13 में 17 प्रतिशत से गिरकर 2019-20 में 13.8 प्रतिशत तक देखी है। इसी अवधि में तमिलनाडु ने अपना हिस्सा 10.3 प्रतिशत पर बनाए रखा है
फैक्ट्रियों की संख्या में गुजरात देश में दूसरे नंबर पर
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि गुजरात ने भारतीय पूंजी निवेश और विदेशी पूंजी निवेश के बड़े हिस्से को आकर्षित किया है लेकिन, अभी तमिलनाडु में सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां होने का रिकॉर्ड कायम है। यह संख्या के हिसाब से भारत के कारखानों का 15.8 प्रतिशत (38,837 फैक्ट्रीज़) हिस्सा है। गुजरात 11.6 प्रतिशत (28,479 फैक्ट्रीज़) हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, उसके बाद महाराष्ट्र 10.4 प्रतिशत (25,610 फैक्ट्रीज़) है।
गुजरात सरकार आशान्वित है कि आगामी दो सालों में भी ASI की रिपोर्ट में उल्लिखित इन श्रेणियों में गुजरात अच्छा प्रदर्शन करेगा। इसके पीछे सरकार का कहना है कि उन्होंने बीते दो वर्षों में अपनी औद्योगिक नीति में बड़े प्रोत्साहक बदलाव किए हैं जिसका अब ज़मीन पर भी दिखने लगा है।
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