गांधीनगर: गुजरात सरकार ने मौजूदा दिशानिर्देशों में बदलाव कर कंपनियों के लिए राज्य में शुरू की गई परियोजनाओं के लिए एक से अधिक विभागों से प्रोत्साहन के रूप में वित्तीय लाभ लेने का रास्ता खोल दिया है।
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि गुजरात औद्योगिक नीति 2020 के सामान्य नियमों के पैरा- 16 को हटाने के लिए संशोधन किया गया है, जिसमें उद्यम (enterprises) “एक ही घटक (same component) के लिए” विभिन्न विभागों से लाभ नहीं ले सकते हैं। राज्य के उद्योग और खान विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि संशोधित पार्ट-1 सितंबर 2020 से ही लागू माना जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि औद्योगिक निकाय (industrial bodies) लंबे समय से कंपनियों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बदलाव की मांग कर रहे थे। सामान्य नियमों के पैराग्राफ 16 में दर्ज पहले के दिशा-निर्देशों में कहा गया है, “जिस उद्यम ने इन योजनाओं के तहत सहायता प्राप्त की है, वह उसी घटक (component) के लिए राज्य सरकार के अन्य विभागों की किसी भी अन्य योजना के तहत लाभ पाने का हकदार नहीं होगा, जब तक कि उस योजना के तहत इसकी अनुमति नहीं दी जाती। उद्यम भारत सरकार की योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं, यदि कोई हो तो। हालांकि, किसी भी मामले में कुल सहायता वास्तविक निवेश/व्यय (actual investment/expenditure) से अधिक नहीं होगी।”
नियमों के अनुच्छेद 16 के संशोधित खंड ने दिशानिर्देश के अन्य सभी शब्दों को बरकरार रखते हुए “समान घटक के लिए” वाक्यांश को हटा दिया है।
नियमों में संशोधन के प्रभाव के बारे में बताते हुए, सरकारी सूत्रों ने कहा कि औद्योगिक नीति के तहत एक कंपनी एमएसएमई और सीईटीपी की स्थापना जैसी पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं के लिए सब्सिडी और अन्य फंड के रूप में लाभ प्राप्त कर सकती है। कई मामलों में उद्योग और खान विभाग के अलावा अन्य विभागों द्वारा वित्तीय लाभ दिया जाता है।
सूत्रों ने कहा, ‘इस बदलाव से हकदार कंपनियां अब विभिन्न विभागों से लाभ उठा सकती हैं।’
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