- आदिवासी – पाटीदार से लेकर मीडिया सोशल मीडिया के लिए बनेगी रणनीति
- गणपत वसावा – विजय रुपाणी -नीतिन पटेल जैसे पुराने दिग्गज भी शामिल
आलिशान केंसविला में भाजपा के चाणक्य और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया। भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है जब सरकार और संगठन को अलग अलग कसौटी पर कसने की कोशिश की जा रही है ।
गुजरात में पिछले 27 साल से सत्ता में काबिज भाजपा अब कांग्रेस के बाद इस साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से भिड़ने की तैयारी कर रही है.
आम आदमी पार्टी अब बीजेपी को सीधा झटका देने के लिए बीजेपी के गढ़ पर नजर गड़ाए हुए है. क्योंकि राहुल गांधी के दाहोद दौरे के बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मिशन गुजरात पर फोकस कर रहे हैं।
भाजपा ने 182 में से 182 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, लेकिन आगे कई चुनौतियां हैं।
भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 में 182 में से 182 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, लेकिन आगे कई चुनौतियां हैं। आम आदमी पार्टी गुजरात में कांग्रेस से दोगुनी मेहनत कर रही है। सत्ता विरोधी लहर का मुद्दा वर्षों के शासन के कारण भी आया है।इस बीच, चिंतन स्वाभाविक है और ऐसा ही भाजपा प्रणाली है। निर्धारित समय से 7 महीने पहले राजनीतिक सक्रियता कई सवालों को जन्म दे रही है। जिसके लिए चिंतन का सहारा लिया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा , गुजरात प्रभारी और राज्य सभा सांसद भूपेंद्र यादव ,सह प्रभारी सुधीर गुप्ता ,मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल , सी आर पाटिल , पुरुषोत्तम रुपाला नितिन पटेल , गणपत वसावा , नीतिन पटेल , विजय रुपाणी समेत कई दिग्गज मौजूद हैं।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह चिंतन शिविर केवल सामान्य राजनीतिक बैठक नहीं है , यह कई मायनों में खास है , बैठक के दौरान गुजरात सरकार की समीझा की जाएगी। नए संगठन के पदाधिकारियों के अलावा कुछ पुराने मंत्रियो तथा पूर्व पदाधिकारियों को भी आमत्रित किया गया।
बी एल संतोष अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पहले ही विधायक – सांसद , महानगर पालिका के चारो पदाधिकारियों ,जिला प्रमुख – महामंत्री , प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों , के साथ इसी महीने बैठक कर चुके है। भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल भी लगातार प्रवास में है , एक जिला एक दिन का कार्यक्रम मूलत जमीनी हालत का जायजा लेने का ही है।
यानि फीडबैक पूरी तरह से तैयार है इस बैठक में रणनीतिक चर्चा के बाद ब्लू प्रिंट को अंतिम रूप दिया जायेगा।
आदिवासी -पाटीदार समाज के लिए बनेगी खास रणनीति
इस बैठक में आदिवासी और पाटीदार समाज के लिए खास रणनीति बनने की सम्भावना है। शिविर में दो महत्वपूर्ण आदिवासी – पाटीदार समुदायों के लिए भी चर्चा होने की संभावना है।
गुजरात में पिछले छह कार्यकाल से भाजपा के सत्ता में होने से भाजपा नेता सत्ता विरोधी लहर और महंगाई के मुद्दे पर इस खेमे के जरिए जनता तक पहुंचने का रास्ता खोज लेंगे। बैठक में सोशल मीडिया, मीडिया कमेटी, आईटी सेल सत्र सहित कई सत्र होंगे।
विधानसभा 2017 के बाद जितने चुनाव हुए चाहे वह स्थानीय निकाय के हो या उप चुनाव हर जगह भाजपा का सफलता प्रतिशत उच्चतम है।