इस अमदावादी ऑटोरिक्शा चालक को अपना नाम राजवीर से बदलकर “RV155677820” करने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। नौकरशाही ने हर कदम पर पत्थर अटकाए। इसके बावजूद, वह तमाम बाधाओं को पार करता हुए जाति और धर्म से जुड़ी सभी पहचानों को दबाते हुए नया उपनाम लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब वह गांधीनगर दक्षिण से निर्दलीय (Independent) के रूप में विधानसभा चुनाव लड़कर अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक मुद्दा ऐसे सभी सामुदायिक लेबलों से मुक्त रहेगा, जो राजनीतिक दलों के लिए जीत का आधार होते हैं।
राजवीर को अभी तक RV155677820 नहीं कहा जा सकता। उन्होंने मई 2015 में अपना नाम बदलने के लिए अहमदाबाद जिला कलेक्ट्रेट और राजकोट के गजट कार्यालय (gazette office) में याचिका दायर की थी। 2017 तक उनकी दोनों याचिकाएं खारिज कर दी गईं। उन्होंने 2019 में गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां मामला लंबित (pending) है।
गुरुवार को चांदखेड़ा निवासी 38 वर्षीय राजवीर ने गांधीनगर दक्षिण से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन (nomination) दाखिल किया। इस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से पाला बदलकर आए अल्पेश ठाकोर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने डॉक्टर हिमांशु पटेल को टिकट दिया है। गांधीनगर दक्षिण में पटेलों और ठाकोरों की अच्छी-खासी आबादी है और दोनों प्रमुख पार्टियों ने स्पष्ट रूप से इसका ध्यान रखा है।
खुद को नास्तिक (atheist) मानने वाले और क्लिनिकल साइकोलॉजी के छात्र राजवीर चुनावी लड़ाई से पहले कानूनी लड़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं। चुनाव आयोग के पास दायर हलफनामे (affidavit) में उन्होंने अपनी जाति, समुदाय या धर्म का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी उम्मीदवारी केवल इसलिए रद्द कर दी जाती है, क्योंकि उन्होंने ऐसे ब्योरे नहीं दिए हैं, तो वह कोर्ट जाने के लिए तैयार हैं।
राजवीर ने कहा, “गुजरात हिंदुत्व की प्रयोगशाला है, जहां बीजेपी धर्म के आधार पर जीतती है। इससे पहले कांग्रेस जाति का कार्ड खेलकर चुनाव जीतती थी। मैं उस फॉर्मूले पर चलना नहीं चाहता, जिसमें जाति या धर्म के आधार पर उम्मीदवार चुना जाता है। यह हमारे देश की संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे समाज का समर्थन करेंगे जहां जाति और धर्म का कोई महत्व नहीं है। राजवीर ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में नागरिकों को अपनी योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों का चुनाव करना चाहिए।