- विधानसभा के विशेष सत्र को किया सम्बोधित
गुजरात विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते राष्ट्रपति गुजरात,गुजराती जज्बे की जमकर सहारना की। गुजराती जज्बे की भी महामहिम ने जमकर सहराना की। अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह संबोधन गुजरात विधानसभा में ऐसे समय में हुआ जब हमारा देश स्वतंत्रता का अमृत पर्व मना रहा है। स्वतंत्रता और उसके अमृत उत्सव के संदर्भ में गुजरात के अलावा कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वालों में गुजरात के लोग सबसे आगे थे।
कोविंद ने कहा कि युग प्रवर्तक गांधीजी ने दुनिया को नया दर्शन दिया, विश्व में कहीं पर भी हिंसा होती है तो महात्मा गांधी का सत्य अहिंसा का सिद्धांत याद आता है। दांडी मार्च ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी वही बारडोली सत्याग्रह ने देश को एक नया नायक दिया। जिसके संसदीय इतिहास में गुजरात के कई लोगों ने अनूठा योगदान दिया।गुजरात की धरती ने देश को कई जननायक दिए। गुजरात में सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेचू ऑफ यूनिटी कि स्थापना की लेकिन देश के लोगों के दिलों में सरदार का कद उससे भी ऊंचा है।
गुजरात में देश की एकता की झलक मिलती है सोमनाथ विध्वंस हो अथवा गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हर बार गुजरात उठ खड़ा हुआ। गुजराती दुनिया में एंटरप्राइजेज व इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं। देश में हुई श्वेत क्रांति गुजरात के सहकारिता की परंपरा का परिणाम है।राष्ट्रपति ने नरसिम्हा मेहता के भजन वैष्णव वजन को यह कहकर याद किया। इसके साथ ही पलिताना, गिर, वडनगर समेत कई मंदिरों ने एकता की मिसाल पेश की है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में गुजरात का योगदान है। गुजरात ने विक्रम साराभाई और होमी भाभा जैसे वैज्ञानिक दिए हैं।सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुजरातियों की देशभक्ति विश्व प्रसिद्ध है। मोरारजी देसाई के बाद प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम होती है। लोग अपने प्रतिनिधियों को नियति मानते हैं।
गुजरात मॉडल पिछले कुछ सालों से चर्चा में है।राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनकी पूरी टीम को भी साधुवाद देता हूं। गुजरात विधानसभा को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति ने वहां उपस्थित गणमान्यों का आभार जताया और कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आजादी और उसके अमृत महोत्सव समारोह मनाने के लिए गुजरात सबसे उपयुक्त है। स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वालों में गुजरातवासी अग्रणी थे।
आज द्वारिकाधीश दर्शन की बजाय गुजरात विधानसभा को सम्बोधित करेंगे राष्ट्रपति