गुजरात विधानसभा की 15वीं विधानसभा में शपथ ग्रहण के पहले ही दल बदल का खेल शुरू हो गया है।भाजपा के 156 के ऐतिहासिक बहुमत के बावजूद आम आदमी पार्टी के विसावदर से जीते प्रत्याशी भूपत भयाणी भाजपा के संपर्क में है। भयाणी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच भयाणी ने कहा कि वह अपने नीजि काम से गांधीनगर आये थे। आप में जुड़ने का अभी निर्णय नहीं किया है। विसावदर के लोगों से पूंछ कर निर्णय करुगा।
भयाणी ने जोर देकर दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने उन्हें जीत की बधाई दी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व को भी उन्होंने सहारा। भयाणी का रुख सियासी गलियारों में चर्चा है कि कोई तकनीकि रास्ता तैयार किया जा रहा है जिसमे सदस्यता गए बिना वह भाजपा के साथ रह सकें। अगर ऐसा होता है तो सदन शुरू होने के पहले ही आप विधायकों की संख्या घटकर 4 हो जाएगी। गुजरात विधानसभा चुनाव के 8 सितम्बर के घोषित परिणाम में भाजपा को 156 ,कांग्रेस को 17 जबकि आप को 5 सीट मिली थी।
आम आदमी पार्टी के भूपत भयाणी विसावदर सीट जीतकर जाइंट किलर साबित हुए। बीजेपी ने यहां कांग्रेस छोड़कर आए हर्षद रिबड़िया को टिकट दिया था। भूपत 7063 मतों से भाजपा प्रत्याशी को हरा कर जीतने में सफल हुए थे। जबकि कांग्रेस ने करशन वडोदरिया तीसरे नंबर पर रहे। मूल भाजपा के भूपत भयानी का राजनीतिक सफर सरपंच से विधायक तक का है। दो साल पहले पार्टी छोड़कर आप में शामिल हुए थे, विधायक बनने के तीसरे दिन ही उनके घर वापसी की खबरे आने लगी।
विसावदर विधानसभा चुनाव जीतने वाले भूपत भयानी कभी क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज और दबंग नेता के रूप में जाने जाते थे। लेकिन किसी कारण से उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने जनसंपर्क बढ़ाया और विधानसभा चुनाव से पहले ही लोगों को आम आदमी पार्टी के विचार समझाए।
आम आदमी पार्टी ने उनके मजबूत नेतृत्व को देखते हुए उन्हें विसावदर विधानसभा का टिकट दिया। भूपत भयाणी ने किसी स्टार प्रचारक का इस्तेमाल अपने चुनाव में नहीं किया ना ही किसी सामूहिक सभा को संबोधित नहीं किया गया।
सरपंच रह चुके भूपत भयानी ने लोगों के पास जाकर अपने काम करने का तरीका समझाया और घर-घर जाकर गांव-गांव जनसंपर्क किया।कोरोना काल में भेंसन में पहला कोविड सेंटर खोला गया और सेवा कार्य से हजारों लोगों को मदद मिली जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला। लेकिन आप के सदस्य के तौर पर सदन में गए बिना ही भूपत का मन परिवर्तित हो गया।
वाइब्स आफ इंडिया ने इस मामले पर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे रह चुके इसूदान गढ़वी , गुजरात संयोजक गोपाल इटालिया , गुजरात महामंत्री मनोज सोरठिया को फ़ोन कर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
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