सूरतः कांग्रेस के पुराने गढ़ भरूच के विभिन्न गांवों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक मुस्लिम भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा विधायक अरुणसिंह राणा ने सोमवार को बंबूसर गांव के सरपंच गुलाम पटेल समेत नए सदस्यों का भगवा दुपट्टा ओढ़कर स्वागत किया।
राणा ने कहा, “मैं रोमांचित हूं, क्योंकि मुसलमान भी भाजपा में शामिल होने के लिए हमसे संपर्क करने लगे हैं। भरूच क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, लेकिन अब लोगों ने भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी है, क्योंकि वे विकास चाहते हैं। ” भरूच शहर से 19 किलोमीटर दूर मुस्लिम बहुल बंबूसर गांव में हुए इस कार्यक्रम में भाजपा महासचिव दिग्विजयसिंह चुडास्मा, भाजपा अल्पसंख्यक विंग (minority wing leaders) के नेता सलीम खान पठान और मुस्तफा खोड़ा भी मौजूद थे।
भाजपा में शामिल होने वाले बंबूसर, वेलेदिया, वालेज, सेगवा, कहन, चिपफोन, लुवारा, जनोद समरोद, कोठी गांवों से थे। राणा ने कहा, “भाजपा का आदर्श वाक्य सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। अगर कोई हमसे संपर्क करता है तो हम विकास कार्य करने के लिए तैयार हैं।”
भरूच जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं- वागरा, भरूच, अंकलेश्वर, झगड़िया और जंबूसर। इनमें से किसी का भी प्रतिनिधित्व मुस्लिम नहीं (none represented by Muslims) करता है। जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार संजयभाई सोलंकी ने जंबूसर से जीत हासिल की, वहीं झागड़िया से बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) के उम्मीदवार छोटू वसावा जीते। भाजपा के ईश्वर पटेल, दुष्यंत पटेल और अरुणसिंह राणा ने अंकलेश्वर, भरूच और वागरा सीटों से जीत हासिल की।
भरूच कांग्रेस अध्यक्ष परिमलसिंह राणा ने कहा, “हमने पाया है कि जो लोग भाजपा में शामिल हुए हैं वे कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके पीछे क्या कारण है। हमने जिला कांग्रेस कमेटी में एक टीम बनाई है, जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुद्दों को सुनेगी और फिर हम कुछ समाधान निकालेंगे।”
पिछले 15 सालों से बंबुसर के पास सेगवा गांव के सरपंच रहे गुलामभाई नाथा ने कहा, ‘बीजेपी में शामिल होने वालों में कहन गांव के सरपंच मुबारक बोदर, माछ गांव के पूर्व सरपंच याकूब कला और बंबूसर के उप सरपंच हाफिज फरीद भी शामिल हैं। ये सभी नेता अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। वे लंबे समय से कांग्रेस के मतदाता थे।’
नाथा के अनुसार, नेताओं ने कोविड महामारी के दौरान भाजपा के प्रयासों से प्रभावित होकर उसमें शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हमारे गांव में 2,500 से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। ये जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य भाजपा के सलीम खान पठान और वागरा के भाजपा विधायक अरुणसिंह राणा थे, जिन्होंने हमारे गांव में दो डॉक्टरों के साथ कोविड रोगियों के इलाज के लिए मेडिकल सेंटर बनाया था। उन्होंने ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की। कांग्रेस के नेता तो हमारे गांव में सिर्फ वोट लेने आते हैं। कोविड के दौरान उन्होंने हमसे कभी बात नहीं की। ” नाथा ने बताया कि कोविड की पहली लहर के दौरान गांव के लगभग 35 लोगों ने दम तोड़ दिया था।
उन्होंने कहा कि राणा के कारण गांवों को जोड़ने के लिए कई सड़कें बनाई गईं। राणा ने सभी ग्रामीणों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अपनी टीम भी भेजी थी। इसके लिए जरूरी आय प्रमाण दस्तावेज (income proof documents) भी बनाए और दिए गए थे। ये सब बीजेपी नेताओं ने किया है। जब कांग्रेस नेता वोट मांगने आएंगे, तो हम उन्हें अपने गांव में घुसने भी नहीं देंगे।
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