गुजरात विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में लौटे मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सरकार ने महंगाई के बीच लोगों को राहत देने वाला बजट पेश किया है। वित्त मंत्री कनु देसाई ने 3 लाख 1 हजार 22 करोड़ (3,01,022 करोड़) का मेगा बजट पेश किया। यह बजट पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी अधिक है। 2022-23 का बजट 2.43 लाख करोड़ रुपये का था। वित्त मंत्री ने बजट में मजदूरों को पांच रुपये में खाना देने और मां कार्ड से एक साल में खर्च की सीमा को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का लोकलुभावन ऐलान किए हैं
सीएनजी और सिलेंडर में राहत
भूपेन्द्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में टैक्स को नहीं छुआ गया है। सरकार ने बजट में न कोई नया कर लगाने का ऐसान किया न हीं किसी कर में बढ़ोतरी या कमी की है। सरकार ने सीएनजी पर वैट को 15 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है ऐसे में लोगों के थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। तो वहीं सरकार ने राज्य के 39 लाख गरीब परिवारों को साल में दो सिलेंडर मुफ्त देने का ऐलान किया है।
सभी विभागों के लिए आवंटन की राशि बढ़ाई
भूपेन्द्र सरकार ने अपने भारी भरकम बजट में सभी विभागों के लिए आवंटन की राशि बढ़ाई है। सरकार का कहना है कि यह अमृतकाल में गुजरात को आगे ले जाने वाला बजट है।
सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य में आवंटन बढ़ाया है। विधानसभा चुनावों में सरकार इन दोनों मोर्चों पर कांग्रेस और खासकर आम आदमी पार्टी के तीखे हमले झेलने पड़े थे। बजट में शिक्षा के लिए 43,651 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं तो वहीं शिक्षा के 15,182 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पिछले बजट में यह धनराशि क्रमश: 34,884 और 12,240 करोड़ रुपये थी। बजट में वित्त मंत्री ने गुजरात के विकास के लिए पांच बिंदुओं पर फोकस किया है।
इनमें गरीबों की जरूरी सुविधाएं देनो और समाजिक सुरक्षा, मानव संसाधन के विकास, वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, निजी भागीदारी को बढ़ावा देने बके साथ विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रीन ग्रोथ शामिल हैं।
विकास के पांच स्तंभ
- गरीबों के विकास के लिए 2 लाख करोड़
- मानव संसाधन के लिए 4 लाख करोड़
- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 लाख करोड़
- कृषि उद्योग और सर्विस को 2 लाख करोड़
- ग्रीन ग्रोथ के लिए 2 लाख करोड़ रुपये
सातवीं बार सत्ता में लौटने के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी की भूपेन्द्र सरकार ने जिस तरह से केंद्रीय बजट आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया है उसी तरह से आत्मनिर्भर गुजरात पर फोकस किया गया है। महंगाई की मार लोगों पर न पड़े। इसके लिए बजट में कोई नया टैक्स नहीं है। विकास के एजेंडे पर गुजरात में राज कर रही बीजेपी की सरकार ने एक बार फिर से विकास केंद्रित बजट रखा है।
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