अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 2008 के 38 आरोपियों को जिला सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा सुना दी। लेकिन उनको फांसी कब होगी यह कहना मुश्किल है , कारण देश की लम्बी न्यायिक प्रक्रिया।
अभी आरोपियों के पास उच्च न्यायालय , उच्चतम न्यायालय ,राष्ट्रपति के पास दया याचिका जैसे कानूनी अधिकार मौजूद है।
देश की पहली फांसी नाथूराम गोडसे को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई थी। 30 जनवरी 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी।
देश में आख़िरी फांसी निर्भया सामूहिक बलात्कार के चारों आरोपियों को 20 मार्च, 2020 को सुबह 5.30 बजे फांसी दी गयी थी ।
अहमदाबाद विस्फोट मामले में जिला सत्र अदालत ने कुल 38 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। भारत में पहली बार कुल 38 दोषियों को एक साथ मौत की सजा सुनाई गई है।
आजाद भारत में कुल 61 को मिली फांसी
इससे पहले आजाद भारत में निर्भया के दोषियों समेत कुल 61 लोगों को फांसी दी गई थी। 2004 से 2013 के बीच भारत में 1303 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गयी लेकिन गई, लेकिन वास्तव में उनमें से 8 को फांसी दी गई .
अंतिम बार निर्भया के चार दोषियों को 2020 में मौत की सजा दी गई। इसके अलावा रेप केस के आरोपी धनंजय चटर्जी को 14 अगस्त 2004 को फांसी दी गई थी। 21 नवंबर 2012 को मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब, 9 फरवरी 2013 को संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु और 30 जुलाई 2015 को मुंबई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेमन को फांसी दी गई थी।
अभी तक किसी महिला को फांसी नहीं दी गयी
अभी तक किसी महिला को फांसी नहीं दी गयी है। उत्तरप्रदेश के रामपुर की शबनम को हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गयी है लेकिन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास दया याचिका खारिज होने के बाद उनके व्यस्क पुत्र ने फिर से दया याचिका दायर की है। अपने प्रेमी के साथ मिलकर माता पिता समेत सात लोंगो को कुल्हाड़ी से गलाकाट कर हत्या करने वाली शबनम और उसके प्रेमी को जिला अदालत ने 2010 में फांसी की सजा सुनाई थी।
यूपी में देश में सबसे ज्यादा फांसी दी गई
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स 2019 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में भारत में राज्य के हिसाब से सबसे ज्यादा फांसी दी गई है। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 395, बिहार में 144, महाराष्ट्र में 129, तमिलनाडु में 106 और कर्नाटक में 103 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में पॉक्सो के तहत 42,379 मामले लंबित हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। पॉक्सो के तहत 19,968 मामले लंबित हैं।