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ट्रंप के टैरिफ फैसले से हिली वॉल स्ट्रीट, वैश्विक बाजारों में मची अफरातफरी

| Updated: April 4, 2025 12:36

महामारी के बाद सबसे खराब दिन, मंदी और महंगाई का डर बढ़ा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए आयात शुल्क (टैरिफ) की घोषणा के बाद गुरुवार को वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल मच गई। वॉल स्ट्रीट में ऐसा झटका कोरोना महामारी के शुरुआती दौर के बाद पहली बार देखा गया, जब निवेशकों को आशंका हुई कि यह कदम न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था बल्कि खुद अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

S&P 500 में 4.8% की भारी गिरावट आई, जो 2020 में महामारी के दौरान आई मंदी के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679 अंक यानी 4% गिर गया, जबकि तकनीकी शेयरों वाला नैस्डैक कंपोजिट 6% लुढ़क गया।

2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति स्वाहा

इस गिरावट का असर लगभग हर क्षेत्र में दिखा। कच्चा तेल, सोना, तकनीकी कंपनियों के शेयर और अमेरिकी डॉलर तक की कीमतें गिर गईं। S&P डॉव जोन्स इंडिसेज के वरिष्ठ विश्लेषक हावर्ड सिल्वरब्लैट के अनुसार, एक ही दिन में 2 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 166 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की बाजार पूंजी साफ हो गई।

छोटी कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा, और रसेल 2000 इंडेक्स 6.6% गिरकर अपने उच्चतम स्तर से 20% नीचे चला गया, जिसे तकनीकी भाषा में ‘बेयर मार्केट’ कहा जाता है।

ट्रंप का ऐलान: न्यूनतम 10% टैरिफ, चीन-ईयू पर ज्यादा दरें

बुधवार देर रात ट्रंप ने व्यापक टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सभी आयातित वस्तुओं पर न्यूनतम 10% शुल्क लगेगा, जबकि चीन और यूरोपीय संघ से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर इससे कहीं अधिक दरें लगाई जाएंगी।

UBS के अनुसार, यदि यह टैरिफ लागू होते हैं, तो इससे अमेरिकी जीडीपी में 2 प्रतिशत अंक की गिरावट आ सकती है और महंगाई दर 5% के करीब पहुंच सकती है।

Sanctuary Wealth की मुख्य निवेश अधिकारी मैरी एन बार्टेल्स ने इसे “टैरिफ का सबसे बुरा रूप” बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल व्यापार वार्ता का हथियार नहीं बल्कि ट्रंप की विचारधारा का हिस्सा लगता है।”

मंदी की आशंका गहराई

अब तक वॉल स्ट्रीट यह मान कर चल रहा था कि ट्रंप टैरिफ का उपयोग केवल सौदेबाज़ी के लिए करेंगे। लेकिन बुधवार की घोषणा से संकेत मिलता है कि वे इसे लंबे समय की नीति के रूप में देख रहे हैं, जिसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को वापस लाना है—एक प्रक्रिया जो वर्षों ले सकती है।

UBS के रणनीतिकारों के अनुसार, इतनी बड़ी चोट के बावजूद यह संभव नहीं लगता कि टैरिफ लंबे समय तक टिके रहेंगे, लेकिन अगर रहे, तो असर बहुत गंभीर हो सकता है।

S&P 500 पहले ही फरवरी के अपने उच्चतम स्तर से 11.8% नीचे आ चुका है, और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मंदी आती है तो इसमें और गिरावट आ सकती है।

ट्रंप बोले – “सब कुछ योजना के अनुसार”

हालांकि बाजार हिला हुआ था, लेकिन ट्रंप का रवैया सकारात्मक दिखा। फ्लोरिडा के लिए रवाना होते समय व्हाइट हाउस के बाहर उन्होंने कहा:

“मुझे लगता है सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा है। यह एक ऑपरेशन जैसा है, जैसे जब किसी मरीज़ की सर्जरी होती है और यह बड़ा कदम होता है। मैंने पहले ही कहा था कि ऐसा ही होगा।”

फेडरल रिजर्व क्या करेगा?

अब सभी की नजर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पर है। क्या वह ब्याज दरें घटाकर अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश करेगा?

10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड 4.20% से गिरकर 4.04% पर आ गई, जो जनवरी में लगभग 4.80% थी। यह एक बड़ी गिरावट मानी जाती है और दर्शाता है कि बाजार अब फेड से दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।

हालांकि, फेड के लिए यह आसान नहीं होगा। दरें घटाने से महंगाई और बढ़ सकती है, जो पहले से ही टैरिफ के कारण चिंता का विषय बनी हुई है।

रोज़गार और सेवाएं फिलहाल संभलीं

गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह अमेरिका में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन घटे हैं। यह दर्शाता है कि अमेरिकी श्रम बाजार अभी भी मजबूत बना हुआ है।

हालांकि सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि उम्मीद से कमजोर रही और व्यापारियों ने भविष्य को लेकर मिश्रित संकेत दिए।

कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट

टैरिफ और मंदी के डर से कई बड़ी कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिरे:

  • बेस्ट बाय 17.8% गिरा, क्योंकि इसके उत्पाद दुनियाभर से आते हैं
  • यूनाइटेड एयरलाइंस 15.6% गिरा, क्योंकि यात्राएं घट सकती हैं
  • टारगेट 10.9% गिरा, क्योंकि ग्राहक पहले ही महंगाई से जूझ रहे हैं

विदेशी बाजार भी हिले

ट्रंप की नीति का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहा। दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों में भी गिरावट देखी गई:

  • फ्रांस का CAC 40: 3.3% गिरा
  • जर्मनी का DAX: 3% नीचे
  • जापान का निक्केई 225: 2.8% गिरा
  • हांगकांग का हैंगसेंग: 1.5% गिरा
  • दक्षिण कोरिया का कोस्पी: 0.8% गिरा

अमेरिकी बाजारों का हाल

  • S&P 500: 274.45 अंकों की गिरावट के साथ 5,396.52 पर बंद
  • डॉव जोन्स: 1,679.39 अंक गिरकर 40,545.93 पर
  • नैस्डैक: 1,050.44 अंक की भारी गिरावट के साथ 16,550.61 पर बंद

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